भारतवंशियों की प्रतिभा का डंका एक बार फिर पूरी दुनिया में बजा है। भारतीय-अमरीकी वैज्ञानिक अमित क्षत्रिय को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा में एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया है। यह पद नासा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी माना जाता है क्योंकि इसके तहत वे अब सीधे आर्टेमिस मून मिशन और भविष्य में होने वाले मंगल ग्रह मिशन की कमान संभालेंगे।
अमित क्षत्रिय पिछले दो दशकों से नासा में काम कर रहे हैं। उन्होंने नासा में अपने करियर की शुरुआत इंजीनियर के रूप में की थी और धीरे-धीरे अपनी मेहनत, लगन और उत्कृष्ट कार्यशैली के बल पर आज शीर्ष प्रशासनिक जिम्मेदारी तक पहुंचे हैं। उनके नेतृत्व में कई तकनीकी और वैज्ञानिक प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरे हुए हैं।
नासा का आर्टेमिस मिशन अमेरिका के लिए प्रतिष्ठा का विषय है। इस मिशन के तहत इंसानों को फिर से चांद पर भेजने और वहां स्थायी बेस स्थापित करने की योजना है। इसके साथ ही यह मिशन मंगल ग्रह पर भविष्य में मानव मिशन की नींव रखने का काम करेगा। अमित क्षत्रिय की नई भूमिका इस मिशन को समय पर और सफलतापूर्वक पूरा कराने में निर्णायक होगी।
अमित क्षत्रिय की यह उपलब्धि भारतीय मूल के वैज्ञानिकों की बढ़ती वैश्विक मौजूदगी का प्रमाण है। इससे पहले भी भारतीय मूल के कई वैज्ञानिक नासा, इसरो और अन्य वैश्विक स्पेस एजेंसियों में अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। यह न केवल भारतीय-अमरीकी समुदाय के लिए गौरव का क्षण है बल्कि भारत के युवाओं के लिए भी प्रेरणादायी है।
अमित क्षत्रिय का मानना है कि अंतरिक्ष अनुसंधान केवल विज्ञान की प्रगति नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलता है। उनके अनुसार, चांद और मंगल पर अनुसंधान से हमें न केवल पृथ्वी पर जीवन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि भविष्य में मानव सभ्यता के विस्तार की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम होगा।
अमित की नियुक्ति यह संदेश देती है कि कड़ी मेहनत, निरंतर सीखने की आदत और विज्ञान के प्रति जुनून से दुनिया के किसी भी कोने में सफलता हासिल की जा सकती है। यह भारत के उन छात्रों के लिए प्रेरणा है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाना चाहते हैं।
अमित क्षत्रिय का यह सफर न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है बल्कि यह वैश्विक विज्ञान समुदाय में भारतीय प्रतिभा की मजबूत पकड़ का प्रतीक है। अब पूरी दुनिया की निगाहें उनके नेतृत्व में नासा के आने वाले मिशनों पर टिकी होगी।
