बैंकाक में धरती फटी - 50 फीट गहरा गड्ढा बना ‘पाताल लोक’

Jitendra Kumar Sinha
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थाईलैंड की राजधानी बैंकाक बुधवार को उस समय दहशत में आ गई, जब शहर की एक व्यस्त सड़क अचानक जमीन में धंस गई। इस हादसे ने न केवल लोगों को भयभीत कर दिया बल्कि प्रशासन के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी कर दी। सड़क के बीचोंबीच बना यह गड्ढा लगभग 50 फीट गहरा था, जिसमें कई गाड़ियां, मोटरसाइकिलें और बिजली के खंभे भी समा गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सड़क पर सामान्य रूप से यातायात चल रहा था। तभी अचानक जमीन पर दरारें दिखने लगीं और देखते ही देखते पूरी सड़क नीचे धंस गई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह गाड़ियां गड्ढे में गिर रही थीं और आसपास खड़े लोग भागते हुए अपनी जान बचा रहे थे।

इस हादसे के सबसे नजदीक एक बड़ा अस्पताल स्थित है। गड्ढा अस्पताल की दीवार से अधिक दूर नहीं था, इसलिए प्रशासन ने तुरंत सैकड़ों मरीजों को शिफ्ट करने का आदेश दिया। एंबुलेंस की मदद से मरीजों को नजदीकी अन्य अस्पतालों में भेजा गया। इसके अलावा आसपास बने अपार्टमेंट्स और मकानों से भी लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

बैंकाक प्रशासन ने कुछ ही मिनटों में पूरे इलाके को सील कर दिया। भारी मशीनरी और राहत दल मौके पर भेजे गए। प्रभावित क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई। इंजीनियरों की टीम ने प्राथमिक जांच में बताया कि इस हादसे की वजह पास में चल रहा रेलवे स्टेशन निर्माण कार्य हो सकता है। खुदाई के दौरान जमीन की परत कमजोर हो गई और अचानक धंसाव हो गया।

यह हादसा बैंकाक जैसे आधुनिक शहर के लिए बेहद चौंकाने वाला है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन क्यों नहीं किया गया। शहरवासियों का कहना है कि यदि समय रहते कदम न उठाए गए तो ऐसा हादसा किसी बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि कर सकता है।

स्थानीय मीडिया ने इस घटना को ‘पाताल लोक’ नाम दिया है। तस्वीरों और वीडियो में यह गड्ढा किसी गुफा या खाई जैसा दिख रहा है। इंटरनेट पर लोग आश्चर्य और डर दोनों के साथ प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कई लोगों ने इसे प्राकृतिक आपदा बताया है, जबकि कुछ ने भ्रष्टाचार और लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया।

यह हादसा न केवल बैंकाक बल्कि दुनिया भर के उन शहरों के लिए चेतावनी है, जहां बड़े पैमाने पर भूमिगत निर्माण कार्य चल रहा है। इंजीनियरों और प्रशासन को यह समझना होगा कि विकास की दौड़ में सुरक्षा और सतर्कता से समझौता नहीं किया जा सकता है।



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