बिहार सरकार ने गया जिला की सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। गयाजी जिला के टिकारी प्रखंड अंतर्गत पंचमहला ग्राम की उत्तर दिशा में मोरहर नदी पर एक चेक डैम (पक्का बांध) बनने जा रहा है। इस परियोजना को प्रशासनिक मंजूरी मिल चुका है और इसके निर्माण पर लगभग 27 करोड़ 50 लाख 41 हजार रुपये की लागत आएगी।
गयाजी और आसपास के इलाका मुख्य रूप से कृषि पर आधारित हैं। यहां के किसान हर साल जल संकट से जूझते हैं। बारिश पर अत्यधिक निर्भरता के कारण खेती में अस्थिरता बनी रहती है। मोरहर नदी पर चेक डैम बनने से पानी का संग्रहण होगा, जिससे न केवल सिंचाई का स्थायी साधन उपलब्ध होगा बल्कि भूमिगत जलस्तर भी सुधरेगा। यह परियोजना किसानों की उत्पादन क्षमता और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करेगी।
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस योजना को लेकर कहा है कि एनडीए सरकार सिंचाई के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। 2005 की तुलना में आज बिहार में सिंचाई का एक विस्तृत नेटवर्क खड़ा हो चुका है। हाल ही में गयाजी जिला के बोधगया प्रखंड स्थित बतसपुर वीयर के उर्ध्व-प्रवाह में भी 24 करोड़ रुपये से बांध के विस्तार की योजना को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। यह दिखाता है कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि उत्पादन बढ़ाने को प्राथमिकता दे रही है।
चेक डैम के निर्माण से पानी का संग्रहण लंबे समय तक संभव हो सकेगा। इससे न केवल खेती की समस्या हल होगी बल्कि पेयजल संकट भी काफी हद तक दूर होगा। गर्मी के मौसम में जब नदियां और तालाब सूख जाता है, तब चेक डैम से संरक्षित पानी गांवों के लिए जीवनदायिनी साबित होगा। साथ ही, इससे आसपास के गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और ग्रामीण विकास को गति मिलेगी।
मोरहर नदी पर बनने वाला यह चेक डैम केवल एक परियोजना नहीं है, बल्कि भविष्य में होने वाले कई बड़े जल संरक्षण अभियानों की झलक भी है। सरकार की योजना है कि राज्य में ऐसे और भी बांध एव चेक डैम बनाकर सिंचाई क्षमता को दोगुना किया जाए। इससे बिहार के किसान आत्मनिर्भर बनेंगे और कृषि उत्पादन में नई ऊंचाइयां हासिल होगी।
