बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां तेज हो गई हैं। पटना जिला में मतदाता जागरूकता को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि इस बार मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी लानी है।
जिलाधिकारी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में पटना जिला में मतदान प्रतिशत में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई थी। इसका श्रेय सभी स्टेकहोल्डर्स, अधिकारियों और मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों को जाता है। इस सफलता को विधानसभा चुनाव में और बेहतर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए ‘नॉक द डोर’ अभियान को विशेष महत्व दिया जा रहा है।
‘नॉक द डोर’ अभियान के तहत प्रशासन के अधिकारी और स्वयंसेवी हर घर पर जाकर लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करेंगे। इस दौरान मतदाताओं को उनके वोट के महत्व के बारे में बताया जाएगा और उन्हें मतदान के दिन बूथ तक जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। खासकर शहरी क्षेत्रों में, जहां मतदान प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहता है, वहां यह अभियान निर्णायक भूमिका निभाएगा।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि सभी मॉल, बाजार, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और प्रमुख चौराहों पर बैनर, पोस्टर और फ्लेक्स के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक और जागरूकता रैलियां भी आयोजित की जाएंगी। युवाओं और प्रथम बार वोट करने वालों को विशेष रूप से टारगेट किया जाएगा।
पटना जिला के मतदान प्रतिशत को राष्ट्रीय औसत यानि लगभग 66 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए मतदाता सूची का सतत पुनरीक्षण, नए मतदाताओं का पंजीकरण और बूथ स्तर पर जागरूकता गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
मतदान लोकतंत्र की रीढ़ है। एक वोट से सरकारों की दिशा और दशा बदल सकती है। इसलिए हर योग्य नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह मतदान अवश्य करे। जिलाधिकारी ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें और अधिक से अधिक लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करें।
‘नॉक द डोर’ अभियान से यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार पटना जिला न केवल राष्ट्रीय औसत को छुएगा, बल्कि अन्य जिलों के लिए भी एक मिसाल कायम करेगा। जब हर घर से मतदान का संकल्प लिया जाएगा, तभी लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत होगी।
