“हिल मैना”, जिसे अक्सर ‘बोलने वाली मैना’ कहा जाता है, प्रकृति का वह अद्भुत तोहफा है जो अपनी मधुर और स्पष्ट आवाज से हर किसी को मोहित कर लेती है। पक्षियों की दुनिया में यह एक ऐसा पक्षी है जो मानव आवाज की हूबहू नकल कर सकता है। चाहे गीत हो, सीटी हो या सामान्य बोलचाल, “हिल मैना” सब कुछ दोहराने की क्षमता रखती है। यही कारण है कि यह पक्षी पालतू पक्षी प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
“हिल मैना” का वैज्ञानिक नाम Gracula religiosa है। यह पक्षी मुख्य रूप से दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के घने जंगलों में पाया जाता है। भारत, श्रीलंका, थाईलैंड और इंडोनेशिया इसके प्रमुख निवास स्थान हैं। यह पहाड़ी इलाकों, घने जंगलों और बाग-बगीचों में रहना पसंद करती है।
“हिल मैना” मुख्य रूप से फलाहारी होती है। इसे खासतौर पर अंजीर के फल बहुत पसंद होते हैं। इसके अलावा यह कीड़े-मकोड़े और छोटे सरीसृप भी खाती है। इसका आहार इसे ऊर्जा से भरपूर रखता है और इसकी चहचहाहट में हमेशा एक खास मधुरता रहती है।
यह पक्षी बेहद सामाजिक होता है और अक्सर जोड़ों या छोटे समूहों में दिखाई देता है। “हिल मैना” विभिन्न प्रकार की ध्वनियों का उपयोग कर आपस में संवाद करती है। यह प्रवृत्ति इसे अन्य पक्षियों से अलग बनाती है। इनकी आवाज इतनी स्पष्ट होती है कि दूर से ही इनकी उपस्थिति का अहसास हो जाता है।
“हिल मैना” की सबसे बड़ी खासियत इसकी नकल करने की अद्भुत क्षमता है। यह पक्षी न केवल मानव आवाज की नकल कर सकता है बल्कि आसपास की किसी भी ध्वनि को हूबहू दोहरा सकता है। यही वजह है कि इसे पालतू बनाकर रखा जाता है। लोग इसे घरों में रखकर बोलना सिखाते हैं और इसकी बातें सुनकर मनोरंजन करते हैं।
भले ही “हिल मैना” अभी संकटग्रस्त प्रजाति की सूची में शामिल नहीं है, लेकिन इनकी संख्या तेजी से घट रही है। वनों की कटाई और अवैध व्यापार इनके लिए खतरा बन रहा है। इसलिए इसे बचाने और इनके प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखने के लिए प्रयास करना चाहिए।
