अनूठी बनावट वाला ट्री है - “मंकी पजल ट्री”

Jitendra Kumar Sinha
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प्रकृति के खजाने में अनेक ऐसे पेड़-पौधे मौजूद हैं जिनकी बनावट और विशेषताएं चौंका देती हैं। इन्हीं में से एक है “मंकी पजल ट्री (Monkey Puzzle Tree)”, जो अपनी विचित्र और अभेद्य संरचना के कारण पूरी दुनिया में अलग पहचान रखता है। इसका वैज्ञानिक नाम Araucaria araucana है और यह दक्षिण अमेरिका के चिली और अर्जेंटीना के एंडीज पर्वतों में पाया जाता है।

“मंकी पजल ट्री” की शाखाओं पर चढ़ना लगभग नामुमकिन होता है। इसकी पत्तियां त्रिकोणीय, कांटेदार और चमड़े जैसी होती हैं, जो इतने नुकीले रूप में शाखाओं पर सजी होती हैं कि कोई भी जीव उन पर आसानी से चढ़ नहीं सकता। यहां तक कि बंदर भी इस पर चढ़ने में असमर्थ रहता है। यही कारण है कि इसे "मंकी पजल ट्री" कहा गया है अर्थात ऐसा पेड़ जो बंदरों को भी उलझन में डाल दे।

यह पेड़ केवल अपनी बनावट के कारण ही खास नहीं है, बल्कि अपनी प्राचीनता के कारण भी आश्चर्यचकित करता है। माना जाता है कि “मंकी पजल ट्री” लगभग 200 मिलियन वर्ष पुरानी प्रजाति से संबंधित है। यह वह दौर था जब पृथ्वी पर डायनासोर विचरण करता था। इस लिहाज से यह पेड़ एक "लिविंग फॉसिल" यानि जीवित अवशेष माना जाता है।

“मंकी पजल ट्री” की ऊंचाई लगभग 50 मीटर तक हो सकती है। इसका तना मोटा, शंक्वाकार और बेहद मजबूत होता है। इसकी पत्तियां कई वर्षों तक हरी रहती हैं और आसानी से झड़ती नहीं है, इसलिए यह सालोंभर हरा-भरा और आकर्षक दिखता है। यही कारण है कि इसे सदाबहार वृक्ष की श्रेणी में रखा जाता है।

यह पेड़ केवल देखने में ही अनूठा नहीं है, बल्कि व्यावहारिक रूप से भी लाभकारी है। इसके बीज बड़े, पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। चिली और अर्जेंटीना के स्थानीय समुदाय इन्हें भोजन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। कई जगह इन्हें भूनकर खाया जाता है, तो कहीं आटे में पीसकर इस्तेमाल किया जाता है।

“मंकी पजल ट्री” की जड़ें गहरी और मजबूत होती हैं, जो आसपास की मिट्टी को मजबूती प्रदान करता है। यह वृक्ष मिट्टी के कटाव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही, इसका हरा-भरा स्वरूप वातावरण को शुद्ध करने में भी मदद करता है। इस कारण इसे संरक्षण और बागवानी दोनों के लिए अहम माना जाता है।

आजकल यह पेड़ अपने अनूठे आकार और रहस्यमय रूप के कारण बागवानी प्रेमियों की पहली पसंद बन गया है। यद्यपि यह धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन एक बार बड़ा हो जाने पर यह किसी भी बगीचे या पार्क की शान बढ़ा देता है।

“मंकी पजल ट्री” केवल एक वृक्ष नहीं है, बल्कि प्रकृति का ऐसा चमत्कार है जो डायनासोर युग की याद दिलाता है। इसकी काँटेदार और अभेद्य पत्तियां इसे रहस्यमय बनाता है, जबकि इसके बीज और पर्यावरणीय योगदान इसे उपयोगी बनाता है। 



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