दुनिया के हर कोने में प्रकृति ने कुछ ऐसे जीवों को जन्म दिया है जो अपनी अनोखी बनावट और विशेषताओं के कारण लोगों को आकर्षित करता है। दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना और चिली के विस्तृत घास के मैदानों में पाया जाने वाला “पटागोनियन मारा (Patagonian Mara)” ऐसा ही एक जीव है। यह रोडेंट परिवार से संबंध रखता है, लेकिन देखने में यह खरगोश, हिरण और कुत्ते के मिश्रण जैसा प्रतीत होता है। अपनी लंबी टांगों और तेज रफ्तार के कारण इसे पटागोनियन खरगोश या पटागोनियन कैवी भी कहा जाता है।
“पटागोनियन मारा” का वजन सामान्यतः 8 से 16 किलोग्राम तक होता है। इसकी शरीर की लंबाई लगभग 69 से 75 सेंटीमीटर तक होती है। सबसे खास बात इसकी छोटी और बिना बालों वाली पूंछ है, जो इसे और भी अलग रूप प्रदान करती है। इसका ऊपरी हिस्सा भूरा-ग्रे रंग का होता है, जबकि पेट का भाग सफेद रंग का दिखाई देता है। यह रंग संयोजन इसे प्राकृतिक परिवेश में आसानी से छलावरण (Camouflage) करने में मदद करता है।
“पटागोनियन मारा” के लंबे और मजबूत पैर इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं। यह न केवल इसे ऊँची छलांग लगाने में मदद करता है बल्कि इसे 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने योग्य भी बनाता है। घास के मैदानों और खुले इलाकों में रहते हुए यह तेज रफ्तार शिकारी जानवरों से बच निकलने का सबसे प्रभावी साधन है।
“पटागोनियन मारा” सामाजिक प्राणी है और अक्सर जोड़े में या छोटे समूहों में देखा जाता है। यह एकपत्नी प्रथा (Monogamous) का पालन करता है, यानि नर और मादा “पटागोनियन मारा” जीवन भर एक-दूसरे के साथी बने रहते हैं। यह गुण रोडेंट प्रजातियों में दुर्लभ माना जाता है। “पटागोनियन मारा” दिन के समय सक्रिय रहता है और घास, पत्तियां और बीज जैसे शाकाहारी भोजन करता है। यह खुले मैदानों में बिल बनाकर रहता है और अपने बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देता है।
घास और पत्तियां खाने के कारण “पटागोनियन मारा” घासभूमि पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पौधों की वृद्धि को नियंत्रित करता है और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखता है। इसके अलावा यह अन्य शिकारी जीवों जैसे लोमड़ी और शिकारी पक्षियों के लिए भोजन का स्रोत भी है।
“पटागोनियन मारा” की संख्या लगातार घट रही है। कृषि भूमि के विस्तार, शिकार और प्राकृतिक आवास के नष्ट होने के कारण यह प्रजाति खतरे में है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे निकट संकटग्रस्त (Near Threatened) श्रेणी में रखा गया है। यदि समय रहते इसके संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यह अद्भुत जीव विलुप्त भी हो सकता है।
