एआईएमआईएम के किशनगंज से विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम ने बिहार की राजनीति पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बिहार में भाजपा के उभार के लिए राजद जिम्मेदार है। उनका कहना है कि राजद ने 2005 में जो गलती की थी, वही गलती 2025 में भी दोहरा रहा है।
अख्तरुल इमाम ने याद दिलाया कि 2005 में रामविलास पासवान ने मुस्लिम चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था। अगर उस समय राजद ने इस प्रस्ताव को मान लिया होता तो बिहार में गठबंधन की सरकार बन सकती थी और भाजपा के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सकता था। लेकिन राजद ने वह मौका गंवा दिया और इसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा धीरे-धीरे मजबूत होती गई।
उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम ने इस बार भी गठबंधन के लिए राजद से संपर्क किया था और प्रस्ताव भेजा था, लेकिन राजद की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। इससे साफ है कि राजद अब भी वही पुराना रुख अपनाए हुए है। इमाम के मुताबिक, इसी वजह से मुस्लिम और हाशिए पर रहने वाले समुदायों का भरोसा राजद से उठ रहा है।
अख्तरुल इमाम ने साफ किया कि एआईएमआईएम अब अकेले चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। पार्टी 100 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है। अगर महागठबंधन के साथ बातचीत होती है और सकारात्मक नतीजे निकलते हैं तो गठबंधन संभव है, अन्यथा पार्टी तीसरे मोर्चे के साथ भी मैदान में उतर सकती है।
उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी इस महीने बिहार आने वाले हैं। उनके दौरे के बाद सीटों के बंटवारे और संभावित गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इमाम ने कहा कि महागठबंधन और विशेषकर राजद की राजनीति अब ‘मुस्लिम-यादव समीकरण’ पर टिकी नहीं रह गई है। लोग यह समझ चुके हैं कि राजद ने बार-बार मुस्लिम समाज को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया और जब असली साझेदारी की बात आती है तो दरवाजा बंद कर देता है।
इमाम ने दावा किया कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है और एआईएमआईएम अब उनकी उम्मीदों को लेकर आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि राजद की हठधर्मिता और पुराने ढर्रे की राजनीति ने भाजपा को बार-बार फायदा पहुंचाया है। अगर विपक्षी दल वाकई भाजपा को रोकना चाहते हैं तो उन्हें गंभीरता से नए समीकरण और नई रणनीति बनानी होगी।
