बड़ी राहत: केवल 5% और 18% के दो स्लैब
देश की GST काउंसिल ने 3 सितंबर 2025 की बैठक में दो पुरानी स्लैब—12% और 28%—को हटा कर केवल दो नए स्लैब लागू करने का फैसला किया: 5% और 18%
फरिश्तों की तरह फ़ाइनाइली बजट का बैंड बाजा बंद होने वाला है—यानी, अब सिर्फ दो GST स्लैब से काम चलाना है।
जीरो GST वाले आइटम्स (अरे वाह!)
कुछ सामानों पर अब बिल्कुल 0% GST लागू होगा—जी हाँ, बिलकुल टैक्स-फ्री:
-
खाद्य पदार्थ जैसे UHT दूध, छेना-पनीर, पिज्जा ब्रेड, रोटी, पराठा।
-
इंडिविजुअल इंश्योरेंस पॉलिसी — अब प्रीमियम पर कोई GST नहीं
-
शैक्षिक सामान जैसे पेंसिल, कटर, रबर, नोटबुक—12% से मुक्त कर लिए गए
-
33 जीवन रक्षक दवाओं पर भी GST लगाया गया 0% तक—एकदम जान की राहत
5% GST के कटे हुए रेट्स
अब रोज़मर्रा की चीज़ों पर राहत दी गई है—देखिए यह कैसी देन है:
-
शैंपू, साबुन, तेल जैसे रोजमर्रा के उपयोग वाले आइटम अब सिर्फ 5% GST पर
-
नमकीन, पास्ता, कॉफी, नूडल्स पर भी यही दर लागू होगी—कुछ स्वाद और बचत एक साथ
-
थर्मामीटर और ग्लूकोमीटर को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया
-
चीज़ और मक्खन भी अब 12% नहीं, केवल 5% पर आएंगे
-
फर्टिलाइजर्स पर टैक्स अब 18% की जगह 5%
-
₹2,500 से कम कीमत वाले जूते पर भी 5% GST लगेगा—जूते पहनना हुआ फ़ायदे वाला
18% टैक्स स्लैब – अब कार, AC-फ्रिज सस्ते
कुछ भारी-भरकम या तकनीकी सामान अब थोड़े सस्ते होंगे—धनुश और सिर पर चढ़कर:
-
छोटी कारों (350 सीसी बाइक से) थ्री-व्हीलर (ऑटो)—अब 28% नहीं, केवल 18% GST
-
एयर कंडीशनर और फ्रिज—अब टैक्स के मामले में थोड़ी लाइटनेस
-
सीमेंट, ऑटो पार्ट्स—जिससे घर बनवाना अब थोड़ा सस्ता और आसान
40% “सुपर लग्ज़री” स्लैब – महंगाई की मार
ऐसा फ्रॉड आपको आराम से लूटे—जिसपर अब 40% GST होगा। अर्थात्, अगर आप पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, बीड़ी, फ्लेवरयुक्त शुगरी ड्रिंक्स, private jets खरीदने के शौकीन हैं, तो ये टैक्स आपके लिए है:
-
पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, बीढ़ी, अन्य धूम्र उत्पाद।
-
फ्लेवरयुक्त शुगर-कार्बोनेटेड पेय पदार्थ।
-
प्राइवेट जेट पर भी यही 40% टैक्स लागू होगा
एंट्री लेवल से लग्ज़री तक का टैक्स ट्रिब्यूट
| वस्तु का प्रकार | GST स्लैब | विवरण |
|---|---|---|
| बस खाना-पीना | 0% (जीरो) | दूध, पनीर, रोटी, पेन-नोटबुक आदि |
| रोजमर्रा की चीजें | 5% | साबुन, शैंपू, jute सामान, फर्टिलाइज़र |
| भारी सामान | 18% | AC, Fridge, Car, Bike parts, सीमेंट |
| बीड़ी-बत्ती-प्योर लग्ज़री | 40% | सिगरेट, गुटखा, private jets आदि |
सरल सी बात: आम आदमी की रोजमर्रा की ज़रूरतों पर टैक्स रियायत मिल रही है, तो वहीं विलासितापूर्ण चीज़ें महंगी हो रही हैं। यही समझदारी की सोच है—कम टैक्स, ज्यादा राहत, और वही पुराना परंपरागत संतुलन रहा, जहाँ मेहनत की चीज़ें आसान हों और दिखावटी चीज़ें मुद्रास्फीति का शिकार हों।
