संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के पटल से रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा दिसंबर में संभव है — इसकी तैयारियाँ चल रही हैं।
लावरोव ने कहा कि भारत और रूस के बीच एक व्यापक द्विपक्षीय एजेंडा है जिसमें व्यापार, सैन्य-तकनीकी सहयोग, वित्त, मानवीय मामले, स्वास्थ्य सेवा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्र शामिल हैं, और दोनों देश एससीओ व ब्रिक्स जैसे मंचों पर भी करीबी समन्वय बनाए रखना चाहते हैं।
उन्होंने विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर की खुले तौर पर प्रशंसा की और कहा कि भारत में आत्म-सम्मान की भावना है और वह अपने व्यापारिक फैसले खुद लेने में पूरी तरह सक्षम है — लावरोव ने यह भी दोहराया कि रूस इस बात को सम्मान देता है कि भारत अपने साझेदार खुद चुनता है।
लावरोव ने ये भी कहा कि अमेरिका द्वारा रूस के तेल से जुड़े मामलों में भारत पर कथित सेकेंडरी सैंक्शन या दबाव डालने की कोशिश के बावजूद भारत-रूस आर्थिक साझेदारी खतरे में नहीं है और दोनों पक्ष ऐसे दबावों के बावजूद अपनी आर्थिक साझेदारी जारी रख सकते हैं।
