नेपाल में हाल की हिंसक “Gen Z” प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है। विरोधों की शुरुआत सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लगे प्रतिबंध से हुई थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।
प्रदर्शनों में अब तक दर्ज मौतों की संख्या 30 से 34 के बीच बनी हुई है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं।
Gen Z के प्रदर्शनकारियों ने सुशीला कार्की का नाम अस्थायी प्रधानमंत्री (interim PM) के रूप में आगे रखा है। उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके साफ-छवि और न्यायपालिका से जुड़े पिछले अनुभवों के लिए सम्मान मिलता है।
हालाँकि, संवैधानिक चुनौतियाँ हैं: संविधान की कुछ धाराएँ कहती हैं कि जो व्यक्ति वर्तमान में न्यायपालिका से सेवानिवृत्त हो वह अन्य पद नहीं ले सकता, और कुछ प्रदर्शनकारियों को लगता है कि कार्की “बहुत बड़ी उम्र” की वजह से Gen Z आंदोलन की भावना से मेल नहीं खाती।
विभिन्न पक्षों — प्रदर्शनकारियों, राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल, और सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल — के बीच बातचीत जारी है कि अस्थायी सरकार किस तरह बने।
सार ये है कि नेपाल में युवा-विरोधों ने सरकार को झक्का दिया है, पुरानी राजनीति को सवालों के घेरे में ला दिया है, और सुशीला कार्की संभावित बदलाव की प्रतीक बन कर उभरी हैं।
