आभा सिन्हा, पटना
भारतीय संस्कृति में प्रकृति और मानव जीवन का गहरा संबंध है। पेड़-पौधे, फूल, जल और अग्नि को सदैव पवित्र और ऊर्जा देने वाला माना गया है। फूल विशेष रूप से सौंदर्य, सुगंध, शांति और सकारात्मक ऊर्जा के प्रतीक हैं। चाहे मंदिर की आरती हो, पूजा-पाठ, विवाह या स्वागत समारोह। फूलों की उपस्थिति हर अवसर को विशेष बना देती है। लेकिन वास्तु शास्त्र इस बात पर भी बल देता है कि फूलों को किस रूप में, किस दिशा में और किस स्थिति में रखा जाए। ताजे फूल जहाँ समृद्धि और खुशहाली का मार्ग खोलते हैं, वहीं मुरझाए या सूखे फूल नकारात्मक ऊर्जा, मानसिक अशांति और आर्थिक रुकावट का कारण बन सकता है।
हिंदू धर्म में फूल भगवान को प्रसन्न करने का सबसे सरल और पवित्र माध्यम माना जाता है। देवी लक्ष्मी को कमल का फूल प्रिय है, भगवान शिव को धतूरा, गणेश जी को दूर्वा और विष्णु भगवान को तुलसी अर्पित की जाती है। पूजा-पाठ में फूल चढ़ाने का अर्थ होता है, अपने हृदय की पवित्रता और श्रद्धा को ईश्वर के चरणों में समर्पित करना।
फूलों की सुगंध वातावरण को शुद्ध करती है और मन को शांत करती है। ताजे फूल सकारात्मक कंपन उत्पन्न करता है, जिससे घर-परिवार में आपसी प्रेम और सामंजस्य बना रहता है। योग और ध्यान में भी ताजे फूलों का उपयोग मानसिक एकाग्रता बढ़ाने के लिए किया जाता है। ताजा फूल वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता हैं और प्रदूषण कम करता है। उसकी सुगंध से मस्तिष्क में "डोपामाइन" और "सेरोटोनिन" हार्मोन सक्रिय होता हैं, जिससे तनाव घटता है और मूड अच्छा होता है। इसके विपरीत, मुरझाए फूलों में बैक्टीरिया पनपने लगता है, जो हवा को दूषित कर सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मुरझाए फूलों का घर या ऑफिस में होना कई प्रकार से हानिकारक माना गया है। मुरझाए फूल घर के वातावरण में स्थिर और भारी ऊर्जा उत्पन्न करता है। यह ऊर्जा धीरे-धीरे पूरे घर को प्रभावित करता है और वहां रहने वालों के मन-मस्तिष्क पर भी असर डालता है। कहा जाता है कि जिस घर या कार्यालय में सूखे फूल रखे रहते हैं, वहाँ कार्यों में अड़चनें बढ़ने लगती हैं। व्यवसाय ठहराव की ओर जाता है और नए अवसर भी कम हो जाता है। मुरझाए फूल देखने से मन पर उदासी का भाव छा जाता है। धीरे-धीरे यह मानसिक तनाव और अवसाद तक का कारण बन सकता है। वास्तु दोष से घर की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होती है। माना जाता है कि मुरझाए फूल घर से लक्ष्मी का वास समाप्त कर देता है और दरिद्रता को आमंत्रित करता है। सूखे फूलों से उत्पन्न नकारात्मकता परिवार के सदस्यों के बीच विवाद और तनाव बढ़ाती है। दांपत्य जीवन में दूरी और कलह का कारण भी बन सकता है।
उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) को देवताओं की दिशा मानी जाती है। यहाँ ताजे फूलों का गुलदस्ता या गमला रखने से घर में शांति, सुख और समृद्धि आती है। पूर्व दिशा सूर्य की दिशा है। यहाँ फूल रखने से जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा बनी रहती है। बैठक कक्ष (Drawing Room) लिविंग रूम में ताजे फूल रखने से अतिथि प्रभावित होते हैं और घर की शोभा बढ़ती है।
दक्षिण-पश्चिम दिशा में फूल रखने से दांपत्य जीवन में तनाव और कलह बढ़ सकता है। यह दिशा गमलों और फूलों के लिए अशुभ मानी जाती है। शयनकक्ष (Bedroom) में फूल जल्दी मुरझा जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। पूजा घर में मुरझाए फूल तुरंत हटा देने चाहिए। पूजा घर में केवल ताजे फूल अर्पित करने चाहिए।
कमल के फूल में लक्ष्मी का वास होता है, यह समृद्धि का प्रतीक है। गुलाब प्रेम, सौंदर्य और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। चंपा और चमेली सुगंध से मन प्रसन्न, रिश्तों में मिठास लाता है। गेंदे का फूल नकारात्मक शक्तियों को दूर करने वाला होता है। तुलसी का पौधा (फूल सहित) पवित्रता और स्वास्थ्य लाभ देने वाला होता है।
शास्त्रों में लिखा है कि ईश्वर को सदैव ताजा और सुगंधित फूल अर्पित करना चाहिए। मुरझाए फूल भगवान को अर्पित करना अपवित्र माना जाता है। देवी-देवताओं के आभूषणों में भी ताजे फूलों की माला का महत्व है। मुरझाए फूलों में सूक्ष्म जीवाणु और फफूंद पनपने लगता है। यह जीवाणु हवा को प्रदूषित करता हैं और श्वसन रोग पैदा कर सकता है। सूखे फूलों से बदबू फैलने लगती है, जो वातावरण को भारी बना देती है।
हर दिन सुबह फूलों की जाँच कर, मुरझाए फूल हटा देना चाहिए। पूजा घर में फूलों को शाम के बाद बदलना उचित है। गुलदस्ते में रखे फूलों का पानी प्रतिदिन बदलना चाहिए। अगर गमले में पौधा सूख जाए, तो तुरंत नया पौधा लगाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र और विज्ञान दोनों ही दृष्टिकोण से यह स्पष्ट है कि घर या ऑफिस में मुरझाए फूल रखना उचित नहीं है। यह न केवल वातावरण की सुंदरता को बिगाड़ता है बल्कि नकारात्मक ऊर्जा, मानसिक तनाव, आर्थिक हानि और रिश्तों में खटास का भी कारण बनता है। इसके विपरीत, ताजे और सुगंधित फूल घर में सकारात्मक ऊर्जा, खुशहाली और समृद्धि का मार्ग खोलता है। इसलिए घर में फूल सजाते समय हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि वे ताजे हों और सही दिशा में रखे जाएँ। ताजे फूल केवल सजावट का साधन नहीं है, बल्कि सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक संतुलन का आधार हैं।
