कुस्को की शान है - “सैक्सायहुआमान किला”

Jitendra Kumar Sinha
0



पेरू के एंडीज पर्वतों की गोद में बसा कुस्को शहर न केवल इंका साम्राज्य की ऐतिहासिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है, बल्कि यह दुनिया की सबसे रहस्यमयी वास्तु-कला के चमत्कारों में से एक “सैक्सायहुआमान किला” का घर भी है। यह किला आज भी अपने विशाल पत्थरों, जटिल निर्माण शैली और अद्भुत स्थापत्य तकनीक के कारण शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

“सैक्सायहुआमान किला” समुद्र तल से लगभग 3,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह विशाल संरचना तीन क्रमिक दीवारों के रूप में निर्मित है, जिनमें प्रयोग किए गए पत्थरों का वजन 120 टन तक बताया जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह पत्थर बिना किसी सीमेंट या मोर्टार के आपस में इतनी बारीकी से फिट किए गए हैं कि उनके बीच एक ब्लेड तक नहीं डाला जा सकता है। यह निर्माण कला आधुनिक इंजीनियरों के लिए भी एक रहस्य है।

पेरू भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है, फिर भी सैक्सायहुआमान की दीवारें सदियों से कई भूकंपों का सामना कर चुकी हैं और आज भी अक्षुण्ण खड़ी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थायित्व इंका इंजीनियरों की चतुराई और पत्थरों के इंटरलॉकिंग पैटर्न की वजह से संभव हुआ है। उनकी समझ और संतुलन की कला इतनी सटीक थी कि प्रकृति की सबसे बड़ी शक्तियाँ भी इन दीवारों को हिला नहीं सकीं।

हालांकि आधुनिक पुरातत्वविद सैक्सायहुआमान को इंका सभ्यता की देन मानते हैं, किंतु इंका लोग स्वयं दावा करते थे कि यह किला उनसे भी पहले किसी प्राचीन सभ्यता ने बनाया था। उन्होंने केवल इसे विरासत में प्राप्त कर उसका विस्तार किया। इस रहस्य ने कई मिथकों को जन्म दिया है, कुछ लोग इसे “देवताओं का कार्य” कहते हैं तो कुछ इसे “लुप्त सभ्यता की निशानी” मानते हैं।

सैक्सायहुआमान केवल सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण किला नहीं था, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन का स्थल भी था। इंका लोग यहां सूर्य देव ‘इंती’ की पूजा करते थे और प्रसिद्ध ‘इंटी रेमी’ उत्सव यहीं मनाया जाता था, जो आज भी स्थानीय संस्कृति में जीवित है।

आज सैक्सायहुआमान यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है और पेरू की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह स्थल न केवल पुरातात्विक शोध का केंद्र है बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। दुनिया भर से लोग यहां आते हैं और इस प्राचीन इंजीनियरिंग कौशल को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।

“सैक्सायहुआमान किला” सिर्फ पत्थरों का ढांचा नहीं, बल्कि यह मानव कौशल, रहस्य और इतिहास का संगम है। यह हमें याद दिलाता है कि हजारों वर्ष पहले भी मानव सभ्यता कितनी उन्नत थी। कुस्को की यह शान आज भी उस गौरवशाली अतीत की गवाही देती है, जब पत्थरों में भी आत्मा और आस्था बसती थी।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top