महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को बनाया सीएम चेहरा, सरकार बनी तो होंगे तीन उपमुख्यमंत्री

Jitendra Kumar Sinha
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) ने राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए नई रणनीति तैयार की है। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने का फैसला किया है, जबकि गठबंधन की सरकार बनने पर तीन उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की योजना भी बनाई गई है। इस रणनीति का मकसद सामाजिक संतुलन साधते हुए सभी प्रमुख वर्गों को प्रतिनिधित्व देना है।


तेजस्वी यादव, जो पहले भी दो बार उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं, गठबंधन के सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। वह पिछड़ा वर्ग से आते हैं और आरजेडी के पारंपरिक वोट बैंक पर गहरी पकड़ रखते हैं। हालांकि, कांग्रेस और वामपंथी दलों ने अभी तक औपचारिक रूप से तेजस्वी को गठबंधन का साझा मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि “तेजस्वी आरजेडी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं, लेकिन INDIA ब्लॉक की ओर से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।”


गठबंधन की प्रस्तावित योजना के मुताबिक, अगर सत्ता में आने का मौका मिला तो तीन उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की जाएगी — एक दलित, एक मुस्लिम और एक अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से। इस कदम का उद्देश्य है यह संदेश देना कि नई सरकार में सभी समुदायों और वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित होगी। साथ ही यह रणनीति एनडीए के जातीय समीकरणों का जवाब देने की कोशिश भी मानी जा रही है।


सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन के भीतर बातचीत जारी है। आरजेडी को करीब 125 सीटें मिलने की संभावना है, कांग्रेस को 50 से 55 सीटें और वामदलों को लगभग 25 सीटें दी जा सकती हैं। बाकी सीटें छोटे सहयोगी दलों के बीच बांटी जाएंगी। हालांकि, तेजस्वी को लेकर कांग्रेस और कुछ सहयोगी दलों के भीतर असहमति की आवाजें भी उठ रही हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि गठबंधन के भीतर पूर्ण एकजुटता अभी हासिल नहीं हुई है।


एनडीए ने इस रणनीति को “जातीय राजनीति का नया रूप” बताते हुए कहा है कि विपक्षी दल सिर्फ चुनावी लाभ के लिए सत्ता साझा करने की बातें कर रहे हैं। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तीन उपमुख्यमंत्रियों की व्यवस्था लागू करना प्रशासनिक रूप से चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि इससे शक्ति संतुलन और निर्णय लेने की प्रक्रिया जटिल हो सकती है।


कुल मिलाकर, तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश करना और तीन उपमुख्यमंत्रियों की योजना महागठबंधन की ओर से एक बड़े राजनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है। यह रणनीति बिहार की राजनीति में सामाजिक प्रतिनिधित्व और सत्ता साझेदारी के नए प्रयोग के रूप में उभर सकती है — बशर्ते कि गठबंधन अपनी आंतरिक मतभेदों को समय रहते सुलझा ले।

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