पवन सिंह की BJP में वापसी पर उपेंद्र कुशवाह ने कहा है कि यह कदम एनडीए को मजबूती देगा, विशेषकर शाहाबाद और मगध इलाकों में। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 में पवन और वे खुद कराकाट से चुनाव में आमने-सामने थे, जिससे वोट बंटने की स्थिति बन गई थी और दोनों को हार का सामना करना पड़ा। राजाराम सिंह कुशवाहा (भाकपा-माले के उम्मीदवार) जीत गए थे, पवन सिंह दूसरे और उपेंद्र तीसरे स्थान पर रहे।
कुशवाहा ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में वोट बंटवाने की पुनरावृत्ति नहीं होगी और एनडीए हर जगह जीत सकता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पवन सिंह ने हमेशा से ही एनडीए के पक्ष को समर्थन दिया है और अब उनकी वापसी यह सुनिश्चित करेगी कि गठबंधन को पूरे राज्य में मजबूती मिले।
राजनीतिक समीक्षा करने वालों का मानना है कि पवन सिंह की वापसी से कुशवाहा और राजपूत वोटों का एकीकरण हो सकता है, जिससे भाजपा-एनडीए के लिए फायदा होगा। इसके तुरंत बाद, पवन सिंह ने दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं — अमित शाह और जे.पी. नड्डा — से मुलाकात की, जिससे बिहार की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
