ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग करने वाले पाकिस्तान ने 20 सूत्रीय गाजा शांति प्रस्ताव से किनारा कर लिया है। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि यह प्रस्ताव “हमारा मसौदा” नहीं है और उसमें ऐसे संशोधन किए गए हैं जिनकी हमारी सहमति नहीं थी।
डार ने यह भी कहा कि अमेरिका द्वारा प्रस्तुत योजना उस मूल मसौदे से अलग है जिसे मुस्लिम देशों ने मिलकर तैयार किया था।
खबरों के अनुसार, इस रुख में पाकिस्तान की सेना की भी सहमति है — सेना नहीं चाहती कि यह योजना किसी तरह से अमेरिकी या इजरायली हितों को मान्यता देने वाला समझा जाए।
विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम घरेलू और धार्मिक दबाव को देखते हुए उठाया गया है। कट्टरपंथी और प्रोपैलेस्टाइन लॉबी इस तरह की किसी भी योजना का विरोध कर रही थीं जिसमें हमास के निरस्त्रीकरण या इजरायल की आंशिक मान्यता जैसी बातें शामिल हों।
हालाँकि सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान ने प्रस्ताव को खारिज किया है, लेकिन कहा गया है कि पर्दे के पीछे वह अमेरिका और अन्य अरब देशों के साथ कूटनीतिक संवाद जारी रखेगा।
