एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान अभी भी जारी है। बीजेपी नेता नित्यानंद राय ने शुक्रवार को चिराग पासवान से चौथी बार मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई, जिसमें बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग फॉर्मूले को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने इस बार कम से कम 40 से 50 सीटों की मांग रखी है।
बीजेपी चाहती है कि एनडीए का बंटवारा 2019 लोकसभा चुनाव के फार्मूले के करीब रहे, लेकिन चिराग पासवान इस बार ज्यादा हिस्सेदारी के मूड में हैं। उन्होंने साफ कहा है कि पार्टी की स्थिति अब पहले जैसी नहीं रही, और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को देखते हुए सीटों में वृद्धि जरूरी है।
मुलाकात के बाद चिराग पासवान ने मीडिया से कहा कि बातचीत सकारात्मक दिशा में जा रही है और बहुत जल्द सीट शेयरिंग पर औपचारिक घोषणा की जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि एलजेपी (रामविलास) एनडीए का हिस्सा है और रहेगी, लेकिन सम्मानजनक सीटें मिलनी चाहिए।
वहीं नित्यानंद राय ने कहा कि एनडीए परिवार एकजुट है और सभी दलों को साथ लेकर ही चुनाव लड़ा जाएगा। हालांकि, अंदरखाने से खबर यह भी है कि कुछ सीटों पर जेडीयू और एलजेपी (रामविलास) के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने भी 15 सीटों की मांग रखी है, जिससे समीकरण और जटिल होते जा रहे हैं।
एनडीए की रणनीति इस बार सामाजिक संतुलन पर केंद्रित है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि टिकट बंटवारा जातीय समीकरणों और क्षेत्रीय प्रभाव को ध्यान में रखकर किया जाएगा। चिराग पासवान को उन क्षेत्रों में अधिक सीटें मिल सकती हैं जहां दलित वोट बैंक मजबूत है, जबकि जेडीयू और बीजेपी अपने पारंपरिक गढ़ पर फोकस रखेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार में इस बार सीट शेयरिंग का फार्मूला तय करना एनडीए के लिए आसान नहीं होगा। एक तरफ एनडीए को विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक से कड़ी चुनौती मिल रही है, वहीं अंदरूनी खींचतान भी पार्टी के लिए सिरदर्द बनी हुई है। आने वाले कुछ दिनों में तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।
