बाल दिवस के अवसर पर टाइटन आइ ने देशभर के बच्चों के लिए एक अनोखी और सराहनीय पहल की है ‘एक तारा टेस्ट’। यह पहल न केवल बच्चों की आंखों की जांच के प्रति जागरूकता बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि इसे मनोरंजक और सुलभ बनाने का भी प्रयास है। आधुनिक युग में जब बच्चा मोबाइल, टीवी और डिजिटल स्क्रीन के लगातार संपर्क में रहते हैं, तब उनकी दृष्टि समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में टाइटन आइ का यह अभिनव कदम समय की मांग के अनुरूप और अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है।
‘एक तारा टेस्ट’ एक साधारण लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से प्रभावी नेत्र-जांच उपकरण है, जिसे विशेष रूप से बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है। यह एक “ग्लो-इन-द-डार्क स्टार-स्पॉटिंग किट” है, जिसमें बच्चा सप्तऋषि तारामंडल के बिंदुओं का मिलान करते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान उनकी आंखों की प्रतिक्रिया, दृष्टि क्षमता और फोकस करने की क्षमता का सहजता से पता लगाया जा सकता है।
इस टेस्ट का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि यह बच्चों के लिए किसी परीक्षा की तरह नहीं है, बल्कि एक खेल जैसा अनुभव प्रदान करता है। टाइटन आइ ने इस पारंपरिक तारा देखने की भारतीय परंपरा को एक खेलपूर्ण वैज्ञानिक उपकरण में बदल दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, भारत में तीन करोड़ से अधिक बच्चे कमजोर दृष्टि से पीड़ित हैं। इनमें से अधिकांश मामलों में समस्या का समय पर पता नहीं चलता, जिसके कारण बच्चों की शैक्षणिक प्रगति और आत्मविश्वास प्रभावित होता है। माता-पिता अक्सर यह समझ ही नहीं पाते कि उनके बच्चे को दृष्टि संबंधी कठिनाइयाँ हैं, जब तक कि स्थिति गंभीर न हो जाए।
‘एक तारा टेस्ट’ इस समस्या से निपटने के लिए एक प्रारंभिक चेतावनी तंत्र की तरह काम करेगा। यह माता-पिता को यह अवसर देता है कि वे घर पर ही बच्चों की आंखों की प्रारंभिक जांच कर सकें और किसी भी असामान्यता की स्थिति में समय रहते नेत्र-विशेषज्ञ से परामर्श लें।
टाइटन आइ, जो वर्षों से गुणवत्ता और विश्वास का प्रतीक रहा है, ने इस बाल दिवस को बच्चों की आंखों के स्वास्थ्य को समर्पित किया है। कंपनी ने ‘एक तारा टेस्ट’ के जरिए समाज में यह संदेश देने की कोशिश की है कि आंखों की देखभाल कोई विलासिता नहीं, बल्कि आवश्यकता है।
‘एक तारा टेस्ट’ बाल दिवस के अवसर पर बच्चों के लिए सिर्फ एक उपहार नहीं है, बल्कि एक रोशनी भरा संदेश है, अपनी आंखों की देखभाल करें, क्योंकि यही आपकी दुनिया को देखने की खिड़की हैं। इस पहल के माध्यम से टाइटन आइ ने एक बार फिर साबित किया है कि कॉर्पोरेट जगत केवल व्यापार नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता का वाहक भी हो सकता है।
