चलती ट्रेन में घुसी चील - लोको पायलट हुआ घायल

Jitendra Kumar Sinha
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जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले से शनिवार सुबह एक ऐसी अजीबोगरीब घटना सामने आई जिसने यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों दोनों को हैरान कर दिया। एक तेज रफ्तार से उड़ती चील अचानक चलती ट्रेन से टकरा गई और उसकी टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेन की विंडस्क्रीन (सामने का शीशा) टूट गया। चील सीधे लोकोमोटिव के केबिन के अंदर जा गिरी, जिससे लोको पायलट घायल हो गया।

शनिवार सुबह लगभग 10 बजे के आसपास यह घटना तब हुई जब ट्रेन अनंतनाग के पास पटरी पर सामान्य रफ्तार से गुजर रही थी। इसी दौरान सामने से उड़ती एक बड़ी चील अचानक ट्रेन की दिशा में आ गई। पलक झपकते ही वह ट्रेन के इंजन से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि शीशा टूट गया और चील सीधे पायलट के केबिन में जा गिरी।

घटना के तुरंत बाद ट्रेन को आपातकालीन ब्रेक लगाकर रोका गया। ट्रेन के अंदर सवार स्टाफ ने तुरंत घायल लोको पायलट की मदद की और रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना दी। पायलट को पास के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहाँ उसकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।

चील को भी इस टक्कर में गंभीर चोटें आईं। हालांकि वन विभाग की टीम को सूचना दी गई और उन्होंने घायल पक्षी को अपने संरक्षण में ले लिया। बताया जा रहा है कि चील दुर्लभ प्रजाति की थी जो अक्सर पहाड़ी इलाकों में ऊँचाई पर उड़ान भरती है।

घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना “अचानक प्राकृतिक हस्तक्षेप” के कारण हुई है, हालांकि सुरक्षा के लिहाज से ट्रेन इंजनों की विंडस्क्रीन की मजबूती को लेकर भी समीक्षा की जाएगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, तेज रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों के सामने कभी-कभी पक्षियों या जानवरों के आने की घटनाएं होती हैं, लेकिन विंडस्क्रीन टूटने जैसा मामला बेहद दुर्लभ है।

घटना के बाद यात्रियों में थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। कई लोगों को लगा कि ट्रेन पर किसी ने हमला कर दिया है। हालांकि जब पूरी स्थिति स्पष्ट हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि किस तरह इंसानी तकनीक और प्रकृति के बीच संपर्क कभी-कभी खतरनाक रूप ले सकता है। खुले इलाकों में तेज रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों के सामने पक्षियों का आ जाना कोई नई बात नहीं, लेकिन यह घटना बताती है कि सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने की जरूरत है।

अनंतनाग की यह अनोखी घटना जितनी चौंकाने वाली है, उतनी ही सौभाग्यपूर्ण भी रही है कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। रेलवे ने सुरक्षा जांच शुरू कर दी है और उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हो।



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