उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिला से मिली जानकारी ने खाद्य सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर चिंताएँ खड़ी कर दी हैं। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के गाय के घी का सैंपल गुणवत्ता जांच में फेल पाया गया है। वर्ष 2020 में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा लिए गए इस सैंपल की जांच रिपोर्ट हाल ही में सामने आई, जिसके बाद विभाग ने कंपनी समेत तीन कारोबारियों पर कुल 1.40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
पतंजलि जैसे बड़े ब्रांड पर पहले भी उत्पाद गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन गाय के घी जैसे संवेदनशील और घर-घर में उपयोग होने वाले उत्पाद का मानकों पर खरा न उतरना उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए एक चेतावनी है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) द्वारा निर्धारित मानक बेहद स्पष्ट हैं कि घी में किसी प्रकार की मिलावट या आर्टिफिशियल फैट की अनुमति नहीं है। जांच में प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, सैंपल में वसा की संरचना निर्धारित मानक से मेल नहीं खाती थी, जिससे इसकी शुद्धता पर संदेह पैदा हुआ।
2020 में लिए गए सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने लंबे समय तक चली कानूनी प्रक्रिया पूरी कर जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई न केवल संबंधित कंपनी के लिए एक संदेश है, बल्कि बाज़ार में मौजूद अन्य खाद्य उत्पादकों के लिए भी चेतावनी है कि गुणवत्ता से समझौता भारी पड़ सकता है।
खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी उत्पाद को बख्शा नहीं जाएगा। मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर आगे भी इसी तरह की कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
घी भारतीय भोजन का एक अहम हिस्सा है, और अधिकतर परिवार इसे रोजमर्रा के आहार में शामिल करते हैं। ऐसे में इस तरह की घटनाएं बताती है कि उपभोक्ताओं को खाद्य सामग्री खरीदते समय अधिक सतर्क होने की आवश्यकता है। पैकेजिंग पर दिए FSSAI लाइसेंस नंबर की जांच करें। ब्रांड की विश्वसनीयता और पिछले रिकॉर्ड पर ध्यान दें। स्वाद, रंग और सुगंध में किसी भी प्रकार का असामान्य बदलाव होने पर तुरंत शिकायत करें।
खाद्य सुरक्षा कानून उपभोक्ताओं को अधिकार देता है कि वे किसी भी संदिग्ध गुणवत्ता वाले उत्पाद के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकें। सरकार भी उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाने के लिए समय-समय पर अभियान चलाती है।
पतंजलि भारत में सबसे बड़े आयुर्वेदिक एवं एफएमसीजी ब्रांडों में से एक है। लेकिन हाल के वर्षों में कई उत्पादों को लेकर गुणवत्ता विवाद सामने आया हैं, जिससे कंपनी की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है। गाय के घी जैसे उत्पाद का सैंपल फेल होना न सिर्फ कंपनी की छवि पर असर डालता है, बल्कि उपभोक्ताओं के भरोसे को भी चोट पहुंचाता है।
यह मामला एक बार फिर याद दिलाता है कि खाद्य सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। चाहे उत्पाद कितना भी बड़ा ब्रांड क्यों न हो, यदि वह मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई अनिवार्य है।
