देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एटीएम से नकद निकासी और अन्य सेवाओं के शुल्क में बदलाव की घोषणा की है। 1 दिसंबर 2025 से लागू होने वाले यह नया नियम करोड़ों ग्राहकों को सीधे प्रभावित करेगा। बैंक ने स्पष्ट किया है कि इंटरचेंज फीस बढ़ने के कारण इन बदलावों को लागू करना आवश्यक हो गया है।
पहले वेतन खाताधारकों (Salary Account Holders) को एटीएम से असीमित निःशुल्क लेन-देन की सुविधा मिलती थी, लेकिन अब सिर्फ 10 लेन-देन तक ही फ्री रहेंगे। इनमें नकद निकासी (Cash Withdrawal) और गैर-वित्तीय लेन-देन (Non-Financial Transactions) दोनों शामिल हैं।
नकद निकासी शुल्क 10 फ्री लेन-देन के बाद हर ट्रांजेक्शन पर ₹23 + जीएसटी देना होगा। गैर-वित्तीय लेन-देन (जैसे बैलेंस जांच या मिनी स्टेटमेंट) के लिए ₹11 + जीएसटी प्रति ट्रांजेक्शन। चालू खाताधारकों (Current Account Holders) को पहले की तरह कोई फ्री ट्रांजेक्शन नहीं मिलेगा, यानि हर एटीएम लेन-देन पर शुल्क देना होगा।
बैंक ने बताया कि एटीएम ट्रांजेक्शन पर लगने वाली इंटरचेंज फीस, जो बैंकों के बीच एटीएम उपयोग के लिए दी जाती है, पिछले कुछ वर्षों में बढ़ गई है। चूंकि अधिकांश ग्राहक अन्य बैंकों के एटीएम का भी उपयोग करते हैं, इसलिए SBI को प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर अधिक लागत चुकानी पड़ती है। यही कारण है कि बैंक ने शुल्क ढांचे में यह संशोधन किया है।
एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह कदम डिजिटल बैंकिंग और यूपीआई लेन-देन को प्रोत्साहित करने के लिए भी उठाया गया है। बैंक का उद्देश्य ग्राहकों को ऑनलाइन माध्यमों जैसे योनो ऐप, नेट बैंकिंग और यूपीआई का अधिक उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है, ताकि नकदी पर निर्भरता कम की जा सके।
इस निर्णय से आम ग्राहकों में नाराजगी देखी जा रही है। कई लोगों का कहना है कि महंगाई के दौर में बैंकिंग सेवाओं का महंगा होना अतिरिक्त बोझ जैसा है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहक, जो एटीएम पर अधिक निर्भर हैं, उन्हें इससे सबसे अधिक असर पड़ेगा।
एसबीआई ने अपने बयान में कहा है कि शुल्क में यह बदलाव आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुरूप है और सभी बैंकों को इंटरचेंज फीस के बढ़े हुए खर्च को संतुलित करने के लिए कुछ समायोजन करने पड़ रहे हैं। बैंक ने यह भी आश्वस्त किया है कि ग्रामीण शाखाओं के ग्राहकों के लिए कुछ रियायतें विचाराधीन हैं।
1 दिसंबर 2025 से लागू होने वाला यह नया नियम ग्राहकों को एटीएम उपयोग के प्रति अधिक सतर्क बनायेगा। जहां यह बैंकिंग प्रणाली को डिजिटल दिशा में आगे बढ़ाने का कदम है, वहीं यह आम उपभोक्ता की जेब पर अतिरिक्त बोझ भी डाल सकता है। इसलिए अब ग्राहकों को सलाह दी जा रही है कि वे डिजिटल भुगतान माध्यमों का अधिक उपयोग करें और एटीएम निकासी की योजना सोच-समझकर बनाएं।
