असम में शुरू हुआ मतदाता सूची पुनरीक्षण

Jitendra Kumar Sinha
0




असम में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी अब तेजी पकड़ चुकी है। निर्वाचन आयोग ने राज्य में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का आदेश जारी कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही न केवल चुनावी प्रक्रिया की रूपरेखा स्पष्ट हो गई है, बल्कि आम नागरिकों की भूमिका भी और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।

चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार, 10 फरवरी 2026 को असम की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी जाएगी। वहीं 1 जनवरी 2026 को संशोधन के लिए आधार तिथि माना जाएगा। यानि इस तिथि तक 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवा अपने नाम जुड़वाने के पात्र होंगे।

इससे पहले 22 नवंबर से 20 दिसंबर 2025 तक घर-घर सत्यापन कार्यक्रम चलाया जाएगा। यह चरण बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसी दौरान बूथ लेवल अधिकारी लोगों के घर जाकर जानकारी लेते हैं कि कौन सा नाम जुड़ना है, किसे हटाना है और किसकी जानकारी में सुधार करना है। सत्यापन पूरा होने के बाद 27 दिसंबर 2025 को प्रारंभिक मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी, जिसके बाद अंतिम सूची की ओर तैयारी बढ़ेगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कुछ दिनों पहले ही इस विशेष पुनरीक्षण को लेकर संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि असम में एसआईआर (Special Intensive Revision) के लिए एक अलग आदेश जारी किया जाएगा, क्योंकि राज्य की जनसांख्यिकी, भूगोल और सुरक्षा से जुड़े पहलू मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। अब आयोग ने इस दिशा में औपचारिक कदम उठा लिया है।

असम लंबे समय से जनसांख्यिकीय बदलावों और संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों के कारण चर्चा में रहा है। इस पृष्ठभूमि में मतदाता सूची का सटीक और त्रुटिहीन होना न सिर्फ चुनावी निष्पक्षता के लिए, बल्कि प्रशासनिक विश्वसनीयता के लिए भी आवश्यक है। बड़ी संख्या में नए युवा मतदाता शामिल होने हैं। प्रवासन और स्थानांतरण के मामलों के कारण पुराने नामों का हटना जरूरी है। संवेदनशील इलाकों में फर्जी वोटिंग की आशंकाओं को कम करने हेतु सत्यापन महत्वपूर्ण है।

मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में नागरिकों की सक्रिय भूमिका बेहद आवश्यक है। यदि आपका नाम सूची में नहीं है, तो इस अवधि में फॉर्म-6 भरकर शामिल कराना होगा। पता, उम्र या अन्य विवरण बदल गए हों तो आवश्यक फॉर्म  जमा करना होगा। घर-घर सत्यापन के दौरान सही जानकारी उपलब्ध कराना होगा।

असम में होने वाले 2026 विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह पुनरीक्षण अभियान चुनाव आयोग की पूरी तैयारी का संकेत देता है। सटीक मतदाता सूची तैयार होने से आगामी चुनावों को न सिर्फ पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया जा सकेगा, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया भी मजबूत होगी।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top