राजीवनगर में बदला ट्रैफिक रूट - सांईं मंदिर जाने वालों को अब करनी होगी - 4 किमी की लंबी घुमावदार यात्रा

Jitendra Kumar Sinha
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पटना के राजीवनगर चौराहे पर लंबे समय से लग रहे जाम से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन और ट्रैफिक विभाग ने फैसला लिया। जिलाधिकारी त्यागराजन एस.एम., एसएसपी कार्तिकेय शर्मा और ट्रैफिक एसपी वैभव शर्मा की मौजूदगी में नए वन-वे सिस्टम को अंतिम रूप दिया गया, जिसे गुरुवार (27 नवम्बर) से लागू कर दिया गया है। इस व्यवस्था का उद्देश्य है, व्यस्त समय में सड़क पर वाहनों के दबाव को कम करना और लगातार लगने वाले जाम को नियंत्रित करना।

नए नियम के अनुसार, राजीवनगर की ओर से आने वाले वाहन अब सीधे सांईं मंदिर या अटल पथ पर नहीं जायेगा। उसे राजीवनगर नाले के पास से अटल पथ की पश्चिमी सर्विस लेन की ओर डायवर्ट किया जाएगा। इसके बाद वाहन दीघा की ओर बढ़ेंगे और वहां से घूमकर दूसरी लेन में प्रवेश करेंगे। इस रूट परिवर्तन से यात्रियों को करीब 4 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा।

ट्रैफिक विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि कोई भी वाहन चालक रॉन्ग साइड का इस्तेमाल करता पाया गया तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। पहली गलती पर भारी चालान, बार-बार गलती पर वाहन जब्ती, और दो बार से अधिक पकड़े जाने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन और ड्राइवर का लाइसेंस तक रद्द किया जा सकता है। इंडस्ट्रियल एरिया के गेट से सीधे दूसरी लेन पर जाने वालों पर भी पूरी तरह रोक रहेगी।

नई व्यवस्था के अनुसार, दीघा की ओर से आने वाले वाहन सीधे आगे नहीं जा पाएंगे। राजीवनगर अंडरपास पहुंचते ही उन्हें सांईं मंदिर की ओर मोड़ा जाएगा और फिर वहां से घूमकर अटल पथ की सर्विस लेन होते हुए शिवपुरी की दिशा में जाएंगे।

यह वन-वे सिस्टम अभी प्रयोगात्मक रूप से लागू किया जा रहा है। इसे दिन के तीन व्यस्त समय स्लॉट में लागू किया जाएगा, सुबह 9 से 11 बजे तक, दोपहर 1 से 3 बजे तक और शाम 5 से 7 बजे तक। इन्हीं घंटों में राजीवनगर फ्लाइओवर के नीचे छह दिशाओं से वाहनों का सबसे अधिक दबाव देखा जाता है, जिसके कारण जाम की स्थिति गंभीर हो जाती है।

साई मंदिर, शिवपुरी, राजीवनगर चौराहा, दीघा हाट अंडरपास और राजीवनगर नाले के पास अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस बल तैनात किया गया है। अधिकारियों ने मौके पर करीब एक घंटे तक ट्रैफिक का निरीक्षण किया और जाम की असली वजहों की पहचान भी की।

राजीवनगर में लागू नया वन-वे सिस्टम फिलहाल ट्रायल पर है। प्रशासन का मानना है कि इससे न केवल जाम कम होगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की संभावना भी घटेगी। हालांकि राहगीरों के लिए 4 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी परेशानी का कारण बन सकता है, लेकिन शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधार के लिए इसे आवश्यक कदम माना जा रहा है।



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