बेंगलुरु के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-2 से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें कुछ लोग खुले आम सामूहिक नमाज़ अदा करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो सामने आते ही यह मामला सियासी रंग ले चुका है। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सिद्धारमैया सरकार दोहरे मानदंड अपना रही है और प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि यह एक उच्च सुरक्षा क्षेत्र है, जहाँ धार्मिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर हवाई अड्डे पर सामूहिक नमाज़ पढ़ने की अनुमति दी गई थी, तो अन्य धर्मों के लोगों को भी पूजा या धार्मिक अनुष्ठान करने की इजाज़त क्यों नहीं दी जाती। भाजपा प्रवक्ता विजय प्रसाद ने कहा कि यह सरकार का “एकतरफा और वोट बैंक आधारित रवैया” दर्शाता है। उन्होंने यह भी मांग की कि हवाई अड्डा प्रबंधन और राज्य सरकार इस मामले पर स्पष्ट जवाब दें कि क्या ऐसी गतिविधियों के लिए अनुमति ली गई थी या नहीं।
इस घटना पर भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया सरकार लगातार राज्य की संस्थाओं को “धार्मिक तुष्टिकरण” का मंच बना रही है। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार हवाई अड्डों जैसे संवेदनशील स्थानों पर भी कानून और व्यवस्था के नियमों का पालन कराने में असमर्थ हो गई है।
वहीं, कांग्रेस समर्थकों ने पलटवार करते हुए कहा कि इस मामले को अनावश्यक रूप से सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। उनका कहना है कि नमाज़ कुछ मिनटों की थी और इससे किसी की सुरक्षा या गतिविधि में कोई बाधा नहीं आई।
एयरपोर्ट प्राधिकरण ने इस पर अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार, यह घटना टर्मिनल 2 के वेटिंग एरिया के पास हुई थी और अधिकारियों ने स्थिति को तुरंत सामान्य कर दिया था।
