वॉशिंगटन में नेशनल गार्ड पर फायरिंग: अफगान संदिग्ध की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका में सख्त हुआ माहौल

Jitendra Kumar Sinha
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वॉशिंगटन डी.सी. में, व्हाइट हाउस से महज कुछ दूरी पर, फरागट मेट्रो स्टेशन के पास बुधवार दोपहर 2:15 बजे, तैनात दो National Guard (नेशनल गार्ड) के जवानों पर अचानक गोलीबारी हुई। यह हमला 17वीं और I-स्ट्रीट के कोने पर हुआ। सूचना के अनुसार, दोनों जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हमलावर भी मुठभेड़ में घायल हुआ और उसे मौके पर ही हिरासत में ले लिया गया।


पुलिस व अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, संदिग्ध की पहचान 29 वर्षीय अफगान नागरिक Rahmanullah Lakanwal के रूप में हुई है। वह 2021 में ऑपरशन “Operation Allies Welcome” के तहत अमेरिका आया था। शुरुआती रिपोर्ट में माना जा रहा है कि यह हमला एक अकेले, जानबूझकर किए गए हमले की तरह था। आरोपी ने अचानक हथियार उठाया और नेशनल गार्ड के जवानों पर गोलियाँ चलाईं। पुलिस, गार्ड और ट्रांज़िट एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में उसे पकड़ लिया गया।


घटना के तुरंत बाद, फेडरल एजेंसियों — FBI सहित — ने इसे संभावित आतंकवादी हमला बताते हुए जांच शुरू कर दी है। आरोपी पर लगे आरोपों, उसके अमेरिका आने के तरीके और सोशल–पॉलिसी से जुड़े मामलों की समीक्षा की जा रही है। साथ ही, अमेरिका की इमिग्रेशन प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े हो गए हैं।


इस हमले के बाद, अमेरिका के राष्ट्रपति Donald J. Trump ने इसे “आतंकी हमला” करार दिया। उन्होंने वॉशिंगटन डी.सी. की सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त 500 सैनिकों को तुरंत तैनात करने का आदेश दिया। इसके अलावा, उन्होंने 2021 में अमेरिका आए सभी अफगानों की पुनः गहन जाँच की मांग की है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने आरोप लगाया कि बाइडन सरकार की नीति की वजह से “नरक से आए” अफगान नागरिकों को पर्याप्त जांच-बाँझ के बिना अमेरिका में प्रवेश दिया गया।


इसी बीच, यूएस सीतिज़नशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेस (USCIS) ने अफगान नागरिकों से जुड़ी सभी नए एंट्री/इमिग्रेशन आवेदन प्रक्रियाओं को तत्काल अवरुद्ध कर दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि अमेरिका इस घटना की गहन जाँच कर रहा है, और इस हमले के बाद देश की सुरक्षा व इमिग्रेशन नीतियों को लेकर व्यापक समीक्षा की तैयारी है।


हमले के पीछे मकसद, संभावित आतंकी कनेक्शन और आरोपी की पृष्ठभूमि — सभी बिंदुओं पर जाँच अभी जारी है। फिलहाल घटना ने अमेरिका में अफगानों की इमिग्रेशन और शरणार्थी-नीति को लेकर बहस और चिंताओं को फिर से जन्म दे दिया है।

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