बिहार की नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद मंत्रियों के विभागों का बंटवारा औपचारिक रूप से कर दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के बीच लगभग आधे घंटे चली बैठक में पूरे मंत्रालयों की सूची तैयार की गई और राज्यपाल को सौंप दी गई। इस बार के विभागीय वितरण में कई वर्षों बाद एक बड़ा और प्रतीकात्मक बदलाव सामने आया है। गृह विभाग, जिसे नीतीश कुमार परंपरागत रूप से हमेशा अपने पास रखते थे, अब पहली बार किसी और मंत्री को सौंप दिया गया है। सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम होने के साथ-साथ गृह मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है, जो स्पष्ट रूप से बताता है कि नई सरकार में शक्ति संतुलन और राजनीतिक संदेश दोनों को ध्यान में रखा गया है।
नए बंटवारे में विजेंद्र यादव को वित्त विभाग, वाणिज्य कर विभाग और ऊर्जा मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारियाँ प्रदान की गई हैं। विजय कुमार सिन्हा को भूमि एवं राजस्व, खनन तथा भू-अभिलेख का कार्यभार मिला है, जबकि विजय कुमार चौधरी को जल संसाधन और भवन निर्माण जैसी महत्वपूर्ण कमान दी गई है। उद्योग मंत्रालय दिलीप जायस्वाल को सौंपा गया है और ग्रामीण विकास कार्य तथा परिवहन मंत्रालय श्रवण कुमार को दिया गया है। अशोक चौधरी को ग्रामीण कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है, जो राज्य में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मंगल पांडेय को स्वास्थ्य और विधि विभाग सौंपकर उन्हें फिर से बड़े दायरे में शामिल किया गया है। लेशी सिंह को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय मिला है। नितिन नवीन को पथ निर्माण और नगर विकास एवं आवास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। मदन सहनी को समाज कल्याण विभाग, संतोष सुमन को लघु जल संसाधन मंत्रालय तथा सुनील कुमार को शिक्षा विभाग दिया गया है, जो राज्य की प्रशासनिक प्राथमिकताओं को स्पष्ट करता है। कृषि मंत्रालय रामकृपाल यादव को सौंपा गया है और अल्पसंख्यक कल्याण का कार्यभार जमा खान को मिला है। श्रम संसाधन विभाग संजय टाइगर को दिया गया है, जबकि पर्यटन एवं कला-संस्कृति मंत्रालय अरुणा शंकर प्रसाद को मिला है। पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग रमा निषाद को तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग सुरेन्द्र मेहता को सौंपा गया है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी नारायण प्रसाद को और अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्रालय लखेन्द्र पासवान को दिया गया है।
इन विभागीय नियुक्तियों में वरिष्ठता, अनुभव, क्षेत्रीय संतुलन और जातीय समीकरण—सभी का ध्यान रखते हुए एक नई संरचना गढ़ी गई है। कई मंत्रालय पुराने चेहरों के पास ही रखे गए हैं ताकि प्रशासनिक निरंतरता बनी रहे, जबकि कुछ विभागों में परिवर्तन कर नई ऊर्जा और राजनीतिक संदेश देने का प्रयास किया गया है। नीतीश कुमार के पास सामान्य प्रशासन समेत वे विभाग रखे गए हैं जिन्हें वे सीधे निगरानी में रखना चाहते हैं। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा एक बार फिर डिप्टी सीएम के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका में हैं, और नई कैबिनेट की पहली बैठक विभागों के औपचारिक बंटवारे के बाद जल्द ही बुलाई जाएगी। नई सरकार के इस गठन से स्पष्ट है कि राजनीतिक समीकरणों और प्रशासनिक प्राथमिकताओं को संतुलित करते हुए बिहार के शासन ढांचे को नए सिरे से व्यवस्थित किया गया है।
