समुद्र कभी-कभी इतिहास का सबसे शांत पहरेदार लगता है। वह अपने सीने में राजमहलों, जहाजों और भूली-बिसरी सभ्यताओं के राज छिपाकर रखता है, जैसे किसी बूढ़े ज्ञानी दादी की ट्रंक में पुरानी रेशमी साड़ियाँ। इटली के बाकोली के तट पर स्थित 'सबमर्ज्ड आर्कियोलॉजिकल पार्क ऑफ बाईया' में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। हाल में पुरातत्वविदों ने समुद्र की गहराइयों में एक शानदार रोमन विला के संगमरमर फर्श को खोज निकाला है। यह कोई साधारण खोज नहीं है, बल्कि प्राचीन रोम के वैभव, कला-कौशल और जीवनशैली की झलक है, जिसे समुद्री लहरों ने सदियों तक संभालकर रखा।
करीब 250 वर्ग मीटर में फैला यह फर्श संगमरमर के बड़े-बड़े टुकड़ों से बना है। इन्हें ऐसे जोड़ा गया है जैसे कोई जटिल पहेली हल की जा रही हो। ज्यामितीय पैटर्न इतने सुंदर और संतुलित कि लगता है कोई कलाकार पानी में सांस रोककर भी रेखाएँ न बिगाड़ने का वचन दे चुका था। अब जब गोताखोर कैमरों की रोशनी डालता हैं, तो संगमरमर की चमक समुद्र के नीले पानी में सितारों की तरह चमक उठता है।
बाईया कभी रोम का "लक्जरी रिवेरा" कहा जाता था। धनी लोग, सेनापति, मंत्री और कुलीन वर्ग यहाँ अपने गर्म पानी के स्नानगृहों और विला में आराम के लिए आते थे। कुछ इसे प्राचीन रोम का "मियामी" भी कहते हैं। इतिहास में यह स्थान विलासिता, कला और भव्य जीवन के लिए प्रसिद्ध रहा है। लेकिन ज्वालामुखी गतिविधियों और समुद्र स्तर बढ़ने से यह धीरे-धीरे पानी में डूब गया।
फर्श जहाँ कभी रोमन महिलाएँ सुगंधित इत्र लगाकर चलती होंगी, सैनिक अपने कवच उतारकर आराम करते होंगे, कवि और दार्शनिक बुद्धिमत्ता की बातें करते होंगे, आज वहीं मछलियाँ तैरती हैं और समुद्री पौधे मानो किसी पुराने महल के परदे बन गए हैं। समय का यह उलटफेर दिल को हल्का सा खटका भी देता है, और रोमांच की मिठास भी जगाता है।
इस खोज का महत्व केवल कला तक सीमित नहीं है। यह फर्श रोम की अर्थव्यवस्था, वास्तुकला, शिल्प और उस युग के लोगों की सौंदर्य दृष्टि का भी सबूत देता है। संगमरमर के प्रकार और उनकी तराशी से पता चलता है कि यह विला केवल अमीर नहीं, बल्कि अत्यंत सुसंस्कृत मालिकों का था।
अच्छी बात यह है कि इटली इन धरोहरों को सुरक्षित रखने में बेहद सतर्क है। यह स्थान एक पानी के नीचे संग्रहालय की तरह है, जहाँ स्कूबा गोताखोर जाकर इतिहास को जीते हैं, किसी रोमांचक समय-यात्रा जैसा अनुभव करते हुए। दुनिया के लिए यह सीख है कि विरासत केवल जमीन पर ही नहीं होती, कभी-कभी वह समुद्र की लहरों के नीचे भी सांस लेती रहती है। समुद्र ने इस रोमन विला को छिपाया नहीं है, बल्कि सुरक्षित रखा है।
