भारत में नारी योग्यता, कार्यकुशलता और कर्मठता का पहचान बन रही है

Jitendra Kumar Sinha
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के संबंध में गुणगान किया जाता हैं। गुणगान में महिलाओं के संबंध में कहा जाता है कि घर घर की शान है नारी। दूनियां की पहचान है नारी। बेटी, बहन, पत्नी और माँ बनकर हर घर की ये जान है नारी। ईश्वर में भी नारी का गुणगान है सीताराम, राधेश्याम, राधेराधे, और गौरीशंकर। इससे महिलाओं की महानता के संबंध में प्रेरणा मिलती है।


महिलाएं जब चारदीवारी के अंदर रहती है तो उसे अबला कहा जाता है। घरेलू हिंसा की दंश झेलना पड़ता है। अनेकों समस्याओं के साथ जुझना पड़ता है। समाज में समानता नहीं मिलती है। कहा जाय तो घर के चाहरदिवारी में कैद रहना पड़ता है। 


वर्तमान समय में महिलाएं घर की चाहरदिवारी से बाहर निकल रही है और पुरूषों के साथ कंधा में कंधा मिलाकर चल रही है। अब महिलाएं शिक्षित होकर सेना में भी देश की रक्षा के लिए शामिल हो रही है। महिलाओं को शिक्षित कर आगे बढ़ाने के लिए भारत में सरकार की तरफ से नारी सशक्तिकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत महिलाओं को अधिकार, अवसर और समानता दिया जाता है ताकि महिलाएं स्वतंत्र रूप से अपना निर्णय ले सकें और समाज में अपनी पूर्ण क्षमता के साथ अपनी भागीदारी दे सकें। अब महिलाएं धीरे धीरे हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। लेकिन इन सभी बदलावों के बावजूद, आज भी महिलाएं बहुत सारी अन्य तरह की चुनौतियों और भेदभाव का सामना भी कर रही हैं।   

 

देखा जाए तो वर्तमान समय में नारी सशक्तिकरण शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक, सामाजिक, स्वतंत्रता और राजनीति से संबद्ध है। क्योंकि एक शिक्षित महिला ही, अपने अधिकारों को पहचान सकती है, समझ सकती है, समाज में अपना स्थान बना सकती है और आत्मनिर्भर होकर अपने परिवार को आगे बढ़ा सकती है। ऐसा करने पर उन्हें समाज में उचित सम्मान मिल सकता है। यह सही है कि लोकतंत्र में, महिलाओं की भागीदारी से लोकतंत्र को मजबूती मिलती है। 


बिडम्बना है कि आज भी देश में महिलाएं समाज में अपने को असुरक्षित महसूस करती है। इसका उदाहरण है कि देश में कहीं न कहीं महिलाओं पर अत्याचार होने की घटनाएं अक्सर सुनी जाती हैं। 


भारत में राष्ट्रपति के पद पर महिला ही आसीन हैं। भारत के कई राज्यों में मुख्यमंत्री के पद पर भी महिला आसीन है। कई महिलाएं भारत के सांसद हैं, तो कई केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हैं। वहीं, कई महिलाएं राज्य सरकारों के मंत्रिमंडल में शामिल हैं। 


वर्तमान समय में सेना में, वायुयान चलाने में, रेलगाड़ी चलाने में, युद्धपोत चलाने में, ऑफिस के कार्यालयों में, पदाधिकारी से लेकर कर्मचारी तक के पदों पर आसीन है और अपनी योग्यता, कार्यकुशलता और कर्मठता का पहचान बन रही है।

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