पहली बार इटली के वैज्ञानिकों ने प्रकाश को एक ऐसी अवस्था में ला दिया है, जहां वह सुपरसॉलिड की तरह व्यवहार करने लगता है। सुपरसॉलिड अवस्था को जेली से समझा जा सकता है, जो ठोस आकार भी ले सकता है और दबाने पर बहने भी लगता है। यह शोध क्वांटम फिजिक्स के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है।
वैज्ञानिकों ने क्वांटम तकनीक से प्रकाश को जमाया। इसमें एक विशेष सामग्री (गैलियम आर्सेनाइड) का इस्तेमाल किया गया, जिसमें छोटे-छोटे उभार थे। इस सामग्री पर लेजर लाइटडाली, जिससे पोलरिटोन नामक हाइब्रिड कण बने, जो प्रकाश और पदार्थ का मिश्रण होते हैं। जब प्रकाश कणों की संख्या बढ़ी, तो सैटेलाइट कंडेनसेट्स संरचनाएं बनने लगीं। इस विशेष पैटर्न से यह साबित हुआ कि प्रकाश एक सुपरसॉलिड अवस्था में पहुंच गया है।
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