बीएमसी पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में, 2000 से ज्यादा जुड़वां बच्चों के डेटा का विश्लेषण किया गया, जिसमें टैटू बनवाने वालों और नहीं बनवाने वालों में कैंसर की दर का तुलनात्मक अध्ययन से यह निष्कर्ष सामने आया है कि किसी भी तरह के टैटू वाले प्रतिभागियों में, कैंसर की आंशका बिना टैटू वाले प्रतिभागियों की तुलना में, 62% अधिक थी।
हाथ की हथेली से बड़े टैटू बनवाने वाले लोगों में, कैंसर का जोखिम 137% ज्यादा पाया गया है, जबकि लिम्फोमा (एक प्रकार का रक्त कैंसर) का जोखिम 173 फीसदी बढ़ गया है। टैटू में कार्बन ब्लैक जैसे कालिख का उपयोग किया जाता है, जिसे आइएआरसी ने कैंसरकारी माना है।
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