आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति स्थित तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर से जुड़े एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब से तिरुमला मंदिर में केवल हिंदू धर्मावलंबियों को ही नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जो गैर-हिंदू कर्मी वर्तमान में मंदिर प्रशासन या उससे जुड़े कार्यों में संलग्न हैं, उन्हें बिना किसी भेदभाव और उनकी भावनाओं को आहत किए अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा।
हर राज्य में बनेगा भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर
मुख्यमंत्री नायडू ने तिरुमला मंदिर के विकास से जुड़ी अपनी सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए यह भी घोषणा की कि भारत के प्रत्येक राज्य की राजधानी में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह पहल श्रद्धालुओं को भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन और पूजा-अर्चना की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से की जा रही है।
तिरुमला में व्यवसायीकरण नहीं होगा, मुमताज होटल की मंजूरी रद्द
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि तिरुमला के पवित्र सेवन हिल्स क्षेत्र में किसी भी प्रकार का व्यवसायीकरण नहीं किया जाएगा। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इसी क्रम में, मुमताज होटल के लिए दी गई पहले की मंजूरी को रद्द कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी होटल, व्यावसायिक परिसर या पर्यटन केंद्र को इस क्षेत्र में स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिससे मंदिर की पवित्रता पर कोई आंच आए। उन्होंने मंदिर प्रशासन को निर्देश दिया कि मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों को व्यावसायिक गतिविधियों से मुक्त रखा जाए।
आस्था और परंपरा की रक्षा को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री नायडू ने इस निर्णय को हिंदू धार्मिक परंपराओं और तिरुमला मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस प्रक्रिया को संवेदनशीलता और समभाव के साथ पूरा किया जाएगा, ताकि किसी को भी कोई परेशानी न हो।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय का हिंदू संगठनों और श्रद्धालुओं ने जोरदार स्वागत किया और इसे तिरुमला मंदिर की धार्मिक परंपराओं की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया।