चुनाव आयोग (ECI) ने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल तक उन मुद्दों पर सुझाव मांगे हैं जिनका समाधान अब तक नहीं हो सका है। ये मुद्दे निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO), जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) या मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) स्तर पर हो सकते हैं। आयोग ने पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ सदस्यों के साथ भी बातचीत करने का निर्णय लिया है ताकि चुनावी प्रक्रियाओं को मजबूत किया जा सके।
यह कदम विपक्षी दलों द्वारा मतदाता सूचियों में कथित गड़बड़ियों के कारण चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर उठ रहे संदेहों के बीच आया है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में संसद में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की मांग की थी।
पिछले हफ्ते एक ECI सम्मेलन में, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के CEO, DEO और ERO को राजनीतिक दलों के साथ नियमित बातचीत करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि इन बैठकों में मिले सुझावों का समाधान कानूनी ढांचे के अंदर ही किया जाए और 31 मार्च, 2025 तक आयोग को की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपी जाए।
आयोग ने राजनीतिक दलों को लिखे पत्र में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, और चुनाव आचार संहिता 1961 का जिक्र किया है, जो ECI की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।