नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के स्वास्थ्य ढांचे को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट को लोक लेखा समिति (PAC) को भेज दिया गया है। इस रिपोर्ट में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी कई खामियों को उजागर किया गया है।
CAG की रिपोर्ट में क्या सामने आया?
CAG की रिपोर्ट में दिल्ली के अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, डॉक्टरों और स्टाफ की अनुपलब्धता, मेडिकल उपकरणों के रखरखाव में लापरवाही और स्वास्थ्य परियोजनाओं में देरी जैसी कई समस्याओं का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कई अस्पतालों में जरूरी दवाओं और सुविधाओं की भारी कमी है, जिससे मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
PAC को रिपोर्ट भेजे जाने का मतलब
लोक लेखा समिति (PAC) संसद की एक महत्वपूर्ण समिति है, जो सरकारी खर्च और उसकी पारदर्शिता की समीक्षा करती है। अब जब यह रिपोर्ट PAC के पास भेजी गई है, तो इस पर विस्तृत जांच की जाएगी और सरकार से जवाब मांगा जा सकता है। अगर रिपोर्ट में गंभीर अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए कदम उठाने पड़ सकते हैं।
AAP सरकार की प्रतिक्रिया
AAP सरकार ने इस रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं और मोहल्ला क्लीनिक जैसी योजनाएं आम जनता को राहत दे रही हैं। हालांकि, विपक्षी दलों ने CAG रिपोर्ट के आधार पर सरकार पर निशाना साधते हुए इसे 'स्वास्थ्य क्षेत्र में कुप्रबंधन' करार दिया है।
स्वास्थ्य ढांचे में सुधार की जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र में और अधिक सुधार करने की जरूरत है। सरकारी अस्पतालों की स्थिति को मजबूत करने, डॉक्टरों और नर्सों की संख्या बढ़ाने और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि PAC की जांच के बाद इस रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की जाती है और दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कौन-कौन से नए कदम उठाए जाते हैं।