बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार शामिल होंगे?

Jitendra Kumar Sinha
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आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में कई नेताओं के पुत्र चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं, जिनमें जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार एव वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह के पुत्र सोनू सिंह, भारतीय जनता पार्टी के  कुम्हरार के विधायक अरुण कुमार सिन्हा के बेटे आशीष सिन्हा, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र अजीत सिंह, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के पुत्र माधव झा, पूर्व सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के पुत्र अभिमन्यु यादव शामिल हैं और सुर्खियों में हैं।


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पुत्र निशांत कुमार को अपनी राजनीति की अंतिम पारी में लाना चाह रहे हैं। इसकी चर्चा राजनीति गलियारों में खूब हो रही है। जानता दल यूनाइटेड (जदयू) और एनडीए में निशांत कुमार को राजनीति में इंट्री पर चुप्पी बनी हुई हैं। इससे लगता है कि इस इंट्री को मुक समर्थन है।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में लगे हुए हैं। उन्होंने “प्रगति यात्रा” पूरी कर ली है। अब एनडीए पूरी तौर पर 2025 में भी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है। केन्द्रीय मंत्री एव पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार की राजनीति इंट्री का स्वागत किया है।


ऐसे देखा जाए तो निशांत कुमार में वह सभी गुण हैं जो एक युवा राजनीतिज्ञ में होना चाहिए। यदि ऐसे लोग राजनीति में आते हैं तो, बिहार और देश, तरक्की की राह पर जा सकेगा। निशांत कुमार के लिए राजनीति में आने का यह बिल्कुल उपयुक्त समय है। 


यदि राजनीतिक विश्लेषक का माने तो उनका कहना है कि निशांत कुमार को बिल्कुल राजनीति में आना चाहिए, क्योंकि निशांत एक युवा हैं और उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है।  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके निवास में रहकर और पिता के सानिध्य में उन्होंने राजनीति के गुर सीखे हैं। वह राजनीति में आते हैं तो यह बिहार की राजनीति के लिए शुभ संकेत होगा।


आजकी राजनीति में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। युवाओं को यह लगता है कि युवा ही बेरोजगारी की समस्या का समाधान कर सकता है। ऐसे में निशांत कुमार युवा हैं और एक युवा यह बेहतर समझता है कि युवाओं के लिए क्या कुछ करना चाहिए। निशांत कुमार राजनीतिक परिवार से आते हैं उनके दादा स्वतंत्रता सेनानी थे और पिता लंबे समय से राजनीतिक जीवन में है। इन लोगों से उन्होंने बहुत कुछ सीखा होगा इसका लाभ वह बिहार को दे सकते हैं। निशांत कुमार जैसे युवा अगर बिहार की राजनीति में आते हैं तो यह एक अच्छा संकेत होगा।


जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार परिवारवाद के खिलाफ रहे हैं।  उनके परिवार से अब तक कोई भी संसदीय राजनीति में नहीं है। अब जबकि नीतीश कुमार राजनीति के ढलान पर हैं तो वैसे स्थिति में सवाल यह उठा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की कमान कौन संभालेगा? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत की ओर लोग आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता निशांत कुमार को लेकर आशान्वित हैं। जबकि निशांत कुमार राजनीति में अभी दक्ष नहीं हैं, फिर भी निशांत कुमार एक विकल्प के रूप में दिख रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी ने कहा है कि इस पर अंतिम फैसला नीतीश कुमार को लेना है।


अगर गौर से देखा जाए तो निशांत कुमार की राजनीतिक इंट्री को लेकर पूरी तरह से काम चल रही है। जदयू कार्यालय के बाहर निशांत कुमार का पोस्टर लग गया हैं। तेजस्वी यादव, उपेन्द्र कुशवाहा जैसे नेता उनका राजनीति में स्वागत कर रहे हैं।


राजनीतिक विशेषज्ञ का मानना है कि परिवारवाद को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया पर विरोधी दल हमेशा राजनीतिक हमला करते रहते हैं। लेकिन आज, कोई भी दल ऐसा नहीं लगता है, जो परिवारवाद से दूर है। देखा जाए तो, नेता पुत्र को ज़्यादातर सफलता नेता पिता के छत्र छाया में ही मिलती है।


उदाहरण के रूप में देखा जाए तो बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं, लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी, तेज प्रताप और पुत्री मीसा भारती, स्व रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान, जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष मांझी, स्व जगन्नाथ मिश्रा के पुत्र नीतीश मिश्रा, जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह, शिवानन्द तिवारी के पुत्र राहुल।


अब देखना जाय तो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के पुत्र, जगदानंद सिंह के छोटे बेटे, बाहुबली शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव के बेटे नितिन, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के पुत्र, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के बेटे आनंद रमन, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता हरि नारायण सिंह के पुत्र चुनाव लड़ने को तैयार दिख रहे हैं।


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