पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 11 मार्च 2025 को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण कर लिया, जिसमें लगभग 500 यात्री सवार थे।
इस घटना के बाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने आरोप लगाया कि इस हमले के पीछे भारत का हाथ है और यह हमले अफगानिस्तान से संचालित किए जा रहे हैं।
राणा सनाउल्लाह ने एक साक्षात्कार में कहा, "यह भारत कर रहा है, इसमें कोई शक नहीं है। भारत मदद कर रहा है और अफगानिस्तान में उन्हें सुरक्षित पनाह मिली हुई है।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि बलूच विद्रोहियों और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बीच संबंध हैं, और दोनों को भारत का समर्थन प्राप्त है।
इससे पहले, बलूच विद्रोहियों ने सामान्य नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को रिहा कर दिया था, जबकि पाकिस्तानी सेना के जवानों, खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों को बंधक बना लिया था। BLA ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और ट्रेन को पटरी से उतारने का दावा किया है।
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने इस संकट का सामना करने के लिए ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें अब तक 27 आतंकियों को मार गिराया गया है और 155 यात्रियों को सुरक्षित बचाया गया है।
भारत की ओर से इन आरोपों पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा इस तरह के आरोप अपनी आंतरिक समस्याओं से ध्यान भटकाने और बलूचिस्तान में बढ़ते विद्रोह को बाहरी हस्तक्षेप का परिणाम दिखाने के लिए लगाए जाते हैं।
बलूचिस्तान में लंबे समय से स्वतंत्रता की मांग को लेकर संघर्ष चल रहा है, जहां के लोग अधिक स्वायत्तता और संसाधनों पर अधिकार की मांग कर रहे हैं। BLA जैसे समूह पाकिस्तान सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में शामिल हैं और समय-समय पर इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस घटना और पाकिस्तान के आरोपों पर कैसी प्रतिक्रिया देता है, और क्षेत्रीय स्थिरता पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।