हरियाणा में हाल ही में संपन्न हुए नगर निगम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए 10 में से 9 नगर निगमों में मेयर पद पर जीत हासिल की है। कांग्रेस पार्टी को एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली, जबकि मानेसर नगर निगम में निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत कौर यादव ने विजय प्राप्त की।
मुख्य परिणाम:
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गुरुग्राम: भाजपा की उम्मीदवार राजरानी ने कांग्रेस की सीमा पाहुजा को हराकर मेयर पद जीता।
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मानेसर: पहली बार आयोजित मेयर चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत कौर यादव ने भाजपा के सुंदरलाल यादव को 2,693 वोटों से पराजित किया।
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फरीदाबाद, हिसार, रोहतक, करनाल, यमुनानगर, अंबाला, सोनीपत, पानीपत: इन सभी नगर निगमों में भाजपा ने मेयर पद पर विजय प्राप्त की।
कांग्रेस की स्थिति:
कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में एक भी नगर निगम में सफलता नहीं मिली। यह परिणाम पार्टी के लिए चिंताजनक है, विशेषकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ रोहतक में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाएं:
भाजपा की इस बड़ी जीत पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जनता ने 'ट्रिपल इंजन सरकार' पर अपनी मुहर लगाई है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत' के विजन को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी।
चुनाव प्रक्रिया:
इन चुनावों में 2 मार्च 2025 को 7 नगर निगमों (गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद, हिसार, रोहतक, करनाल, यमुनानगर) में मतदान हुआ था, जबकि अंबाला और सोनीपत में मेयर पद के उपचुनाव और 21 नगर पालिकाओं के लिए भी इसी दिन वोट डाले गए थे। पानीपत में 9 मार्च को मतदान संपन्न हुआ।
विश्लेषण:
भाजपा की इस जीत को राज्य में पार्टी की मजबूत पकड़ और जनता के बीच उसकी नीतियों की स्वीकार्यता के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, कांग्रेस के लिए यह परिणाम आत्ममंथन का विषय है, जिससे पार्टी को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
कुल मिलाकर, हरियाणा के नगर निगम चुनावों में भाजपा की यह जीत आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के मनोबल को बढ़ाने वाली है, जबकि विपक्षी दलों को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए नए सिरे से प्रयास करने होंगे।