महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गुड़ी पड़वा के अवसर पर मुंबई के शिवाजी पार्क में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी।
औरंगजेब की कब्र पर टिप्पणी: राज ठाकरे ने औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद पर कहा कि हमें जलस्रोतों और पेड़ों की चिंता नहीं है, लेकिन औरंगजेब की कब्र की चिंता है। उन्होंने सुझाव दिया कि औरंगजेब की कब्र के पास एक बड़ा बोर्ड लगाया जाए, जिस पर लिखा हो कि मराठाओं ने उसे यहां दफनाया था।
नदी प्रदूषण पर चिंता: नदियों की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए राज ठाकरे ने कहा कि हम धर्म के नाम पर नदियों को प्रदूषित कर रहे हैं। उन्होंने गंगा नदी की सफाई के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक गंगा की सफाई पर 33,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।
हिंदू जागरूकता पर टिप्पणी: राज ठाकरे ने कहा कि फिल्मों के जरिए जो हिंदू जागृत हो रहे हैं, वे किसी काम के नहीं हैं। उन्होंने युवाओं को व्हाट्सएप पर इतिहास न पढ़ने की सलाह दी और कहा कि इतिहास के तथ्यों को किताबों से पढ़ना चाहिए।
मराठी भाषा का सम्मान: मराठी भाषा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की राजभाषा मराठी है और उसका सम्मान होना चाहिए। अन्यथा, कान के नीचे आवाज आएगी।
नदी प्रदूषण और कुंभ मेले पर विचार: राज ठाकरे ने कुंभ मेले का जिक्र करते हुए कहा कि लाखों लोग गंगा में स्नान करने के बाद बीमार पड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी कुंभ के बारे में नहीं है, बल्कि नदी की सफाई के बारे में है।
राज ठाकरे के इन बयानों ने विभिन्न मुद्दों पर नई बहस छेड़ दी है और उनके विचारों पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।