अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख शुक्ल तृतीया में 30 अप्रैल को रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग में मनायी जा रही है। आज का दिन स्नान-दान, पूजा-पाठ, धर्मकृत्य, हवन, अनुष्ठान सहित हर शुभ कार्य करने से अक्षय फल मिलता है। कोई भी शुभ कार्य या नई शुरुआत के लिए स्वयं सिद्ध मुहूर्त को अच्छा माना जाता है।
अक्षय तृतीया को धार्मिक कार्य करने से सहस्त्र गोदान का पुण्य एवं अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं। आचार्यों का माने तो अक्षय तृतीया पर 17 साल बाद बुधवार दिन और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बना है। इसके अतिरिक्त परिजात, गजकेसरी, केदार, हर्ष, काहल, उभयचरी समेत दस महायोग भी बना है।
ज्योतिष विशेषज्ञों का माने तो अक्षय तृतीया को राशि के अनुसार खरीदारी और दान करना चाहिए।
मेष राशि वालों को सोने की अंगूठी खरीदनी चाहिए और जौ एवं अनाज का दान करना चाहिए।
वृष राशि वालों को चांदी के सिक्के या पायल खरीदनी चाहिए और ऋतुफल का दान करना चाहिए।
मिथुन राशि वालों को स्वर्ण या रजत के आभूषण खरीदनी चाहिए तथा हरी सब्जी या फल का दान करना चाहिए।
कर्क राशि वालों को चांदी की कोई भी वस्तु खरीदनी चाहिए और नये वस्त्र या फल का दान करना चाहिए।
सिंह राशि वालों को स्वर्ण आभूषण खरीदनी चाहिए तथा ब्राह्मणों या जरूरतमंद को भोजन का दान करना चाहिए।
कन्या राशि वालों को सोने की चूड़ी, नथ या अंगूठी खरीदनी चाहिए एवं मंदिर में फल का दान करना चाहिए।
तुला राशि वालों को चांदी की पायल खरीदनी चाहिए और आटा, दूध, दही जैसे सफेद वस्तुओं का दान करना चाहिए।
वृश्चिक राशि वालों को सोने के गहने, तांबा का बर्तन खरीदनी चाहिए तथा मिष्ठान का दान करना चाहिए।
धनु राशि राशि वालों को सोने का आभूषण खरीदनी चाहिए और गरीबों को फल का दान करना चाहिए।
मकर और कुंभ राशि वालों को सोने या चांदी के आभूषण एवं फर्नीचर खरीदनी चाहिए तथा ब्राह्मण को मिठाई या चना का दान करना चाहिए।
मीन राशि वालों को सोने के आभूषण या वाहन खरीदनी चाहिए एवं पीले रंग की मिठाई दान करना चाहिए।
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