सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी से मचा बवाल, ओवैसी बोले– शर्मनाक!

Jitendra Kumar Sinha
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एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर की गई विवादित टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है। ओवैसी ने इसे न्यायपालिका की गरिमा के खिलाफ बताया और कहा कि इस तरह की बयानबाज़ी लोकतंत्र को कमजोर करने की साज़िश है।

निशिकांत दुबे ने हाल ही में एक बयान में सुप्रीम कोर्ट को लेकर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। दुबे ने कथित तौर पर न्यायपालिका की भूमिका और उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे, जिससे एक बार फिर विधायिका और न्यायपालिका के बीच रिश्तों को लेकर बहस तेज हो गई है।

ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट संविधान की आत्मा है। इस पर सवाल उठाना, उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाना, सिर्फ लोकतंत्र पर हमला नहीं बल्कि देश की न्याय प्रणाली की नींव को हिलाने जैसा है।" उन्होंने आगे कहा कि भाजपा नेताओं की ऐसी बयानबाज़ी दर्शाती है कि वे संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान नहीं करते।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि निशिकांत दुबे का यह बयान जानबूझकर दिया गया है ताकि न्यायपालिका को दबाव में लाया जा सके। वहीं, कुछ विशेषज्ञों ने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया है।

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर न्यायपालिका और राजनीतिक दलों के बीच रिश्तों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर सुप्रीम कोर्ट कई संवेदनशील मामलों पर स्वत: संज्ञान लेता रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ राजनेता बार-बार अदालतों की आलोचना करते दिखते हैं।

ओवैसी ने इस मुद्दे पर संसद में भी बहस की मांग की है और कहा है कि लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब सभी संवैधानिक संस्थाएं अपनी सीमाओं का सम्मान करें और एक-दूसरे के अधिकारों का आदर करें।

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