प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ पहली बार चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में उन्हें क्रमशः आरोपी नंबर 1 और 2 के रूप में नामित किया गया है। यह मामला 2021 में शुरू हुआ था, जब एक निजी शिकायत के आधार पर जांच शुरू की गई थी ।
आरोपों का सार
चार्जशीट के अनुसार, गांधी परिवार ने 'यंग इंडियन' नामक एक शेल कंपनी के माध्यम से नेशनल हेराल्ड अखबार की मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों पर अवैध रूप से नियंत्रण प्राप्त किया। इन संपत्तियों का मूल्य लगभग ₹2,500 करोड़ आंका गया है । इससे पहले, 2023 में, ईडी ने इस मामले से संबंधित ₹752 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया था ।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया है। पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा, "सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिशोध और धमकी की राजनीति है।" पार्टी ने बुधवार को देशभर में ईडी कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है ।
क्या जेल की संभावना है?
चार्जशीट में लगाए गए आरोपों के तहत, यदि दोष सिद्ध होता है, तो अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है । हालांकि, वर्तमान में अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को निर्धारित की है, जिसमें चार्जशीट की स्वीकार्यता पर विचार किया जाएगा ।
यह मामला भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, विशेषकर जब देश में आगामी चुनावों की तैयारी चल रही है। गांधी परिवार पर लगे ये आरोप और ईडी की कार्रवाई राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकते हैं।