अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ईरान पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ईरान ने अपने परमाणु हथियारों के सपने को नहीं छोड़ा, तो उसे अमेरिका की ओर से सख्त सैन्य कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
परमाणु विवाद पर ट्रंप का दो टूक
ट्रंप ने कहा, “ईरान अब खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। वह परमाणु हथियारों के बेहद करीब है और हम इसे किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे।” उनका कहना है कि ईरान बातचीत के नाम पर समय बर्बाद कर रहा है और इस बीच अपने गुप्त कार्यक्रमों को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है।
कूटनीति की गुत्थी: रोम या ओमान?
हाल ही में अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु मुद्दे पर बातचीत का पहला दौर ओमान में हुआ था, जिसे सकारात्मक बताया गया। अब दूसरे दौर की बातचीत को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है — कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि वार्ता रोम में होगी, जबकि ईरान ने इसे फिर से ओमान में आयोजित करने की बात कही है।
यह असमंजस दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी को दर्शाता है। यदि वार्ता सफल नहीं होती, तो मध्य पूर्व में तनाव और गहराने की पूरी संभावना है।
ईरान की प्रतिक्रिया: “हम दबाव में नहीं झुकते”
ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने ट्रंप के बयानों को "राजनीतिक स्टंट" करार देते हुए कहा कि ईरान किसी भी प्रकार के दबाव में आकर झुकने वाला नहीं है। उनका कहना है कि अमेरिका को अपने पिछले वादों पर खरा उतरना चाहिए, तभी कोई सार्थक वार्ता संभव है।
बढ़ता तनाव, बिगड़ता समीकरण
एक ओर अमेरिका सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दे रहा है, दूसरी ओर ईरान अपने रुख पर अड़ा है। दोनों देशों के बीच संबंधों की डोर पहले ही कमजोर हो चुकी है और अब हालात विस्फोटक होते जा रहे हैं। अगर कूटनीतिक हल नहीं निकला, तो स्थिति युद्ध की ओर भी जा सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप का सख्त लहजा और ईरान का अड़ियल रुख — दोनों ही संकेत देते हैं कि आने वाले दिन मध्य पूर्व के लिए और तनावपूर्ण हो सकते हैं। अब दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हैं कि बातचीत के दूसरे दौर में क्या कोई समाधान निकलता है या हालात और बिगड़ते हैं।