पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र के पीरमुहानी इलाके में स्थित विश्वकर्मा टिंबर हाउस में रविवार देर रात भीषण आग लग गई, जिसने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया। आग इतनी भयावह थी कि इसे बुझाने में दमकल विभाग को 16 घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, और इस दौरान लगभग 85,000 लीटर पानी का उपयोग किया गया।
घटना का विवरण
रविवार रात करीब 1:30 बजे आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की 45 से अधिक गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि उन्होंने पास के बैजू टिंबर, दिलीप मारुति मोटर गैराज और आसपास के चार गोदामों व मकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। गैरेज में खड़ी आठ कारों में से सात को समय रहते बाहर निकाल लिया गया, लेकिन एक कार, एक स्कूटी और कई औजार जलकर राख हो गए।
संभावित कारण और जांच
अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आग लगने का संभावित कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है। जांच की जा रही है कि टिंबर हाउस में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम थे या नहीं। यदि सुरक्षा उपायों में लापरवाही पाई जाती है, तो मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राहत और बचाव कार्य
घटना के दौरान दमकल विभाग के लगभग 150 कर्मियों ने राहत और बचाव कार्य में हिस्सा लिया। तेज हवा और लकड़ी के ज्वलनशील पदार्थों के कारण आग पर काबू पाना चुनौतीपूर्ण था। हालांकि, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
यह घटना एक बार फिर से आग से सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में आग से बचाव के उपायों की अनदेखी गंभीर परिणाम ला सकती है। आवश्यक है कि सभी व्यापारिक संस्थान सुरक्षा मानकों का पालन करें और समय-समय पर अपने उपकरणों की जांच कराएं।