प्रकृति की कूची से निकले कई अद्भुत रंग और आकृतियाँ हमें मंत्रमुग्ध कर देती हैं, लेकिन कुछ जीव इतने असाधारण होते हैं कि उन पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी ही एक दुर्लभ और जादुई रचना है ग्लासविंग बटरफ्लाई। पारदर्शी पंखों वाली यह तितली मानो कांच से बनी हो, इतनी नाजुक और सुंदर कि इसे देखते ही मन ठहर जाता है।
ग्लासविंग बटरफ्लाई, जिसका वैज्ञानिक नाम Greta oto है, मुख्यतः मध्य और दक्षिण अमेरिका के घने और नमी भरे वर्षावनों में पाई जाती है। कोलंबिया, पेरू, इक्वाडोर, पनामा और कोस्टा रिका इसके प्रमुख आवास हैं। यह तितली समुद्र तल से लेकर 1500 मीटर की ऊँचाई तक देखी जा सकती है। वहाँ की गर्म और नम जलवायु इसे जीवित रहने के लिए अनुकूल वातावरण है।
ग्लासविंग बटरफ्लाई के पंखों का सबसे बड़ा आकर्षण है उसकी पारदर्शिता। यह पारदर्शिता नैनो-संरचनाओं (nano-structures) के कारण संभव होती है, जो पंखों की सतह पर मौजूद हैं। यह संरचना प्रकाश को न बिखेरकर उसे सीधे पार कर जाने देती हैं, जिससे तितली के पंख लगभग अदृश्य लगता हैं। इन पंखों पर रंग नहीं होता है, लेकिन किनारों पर हल्की काली और नारंगी लकीरें इसे और अधिक आकर्षक बनाती हैं। जब यह उड़ती है, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो हवा में कोई कांच की आकृति तैर रही है।
ग्लासविंग बटरफ्लाई की पारदर्शिता केवल सुंदरता के लिए नहीं है, बल्कि यह एक सुरक्षा तंत्र भी है। इसके पंखों की पारदर्शिता इसे शिकारियों से छिपने में मदद करती है। जब यह किसी पत्ते या टहनी पर बैठती है, तो पंखों के कारण यह आसानी से दिखाई नहीं देती। यही वजह है कि यह तितली नैचुरल कैमुफ्लाज की बेहतरीन मिसाल मानी जाती है।
ग्लासविंग बटरफ्लाई खासतौर पर लैंटाना (Lantana) जैसे जहरीले फूलों का रस पीती है। यह रस इसके शरीर में जहर के रूप में एकत्र हो जाता है, जिससे यह तितली अखाद्य (inedible) बन जाती है। इसका अर्थ है कि अधिकांश शिकारी, जैसे पक्षी या छिपकलियाँ, इसका स्वाद लेने के बाद दोबारा इसे खाने की कोशिश नहीं करता है। इस प्रकार, यह तितली रंग और स्वाद दोनों से शिकारियों को भ्रमित करती है।
ग्लासविंग बटरफ्लाई का जीवनचक्र भी अन्य तितलियों की तरह अंडा, लार्वा, प्यूपा और प्रौढ़ तितली के रूप में होता है। मादा तितली अपने अंडे खास पौधों की पत्तियों पर देती है। लार्वा (कैटरपिलर) इन पत्तियों को खाकर बड़ा होता है और फिर कोकून बनाकर उसमें बदल जाता है। अंततः उसमें से यह पारदर्शी पंखों वाली सुंदरी बाहर आती है।
ग्लासविंग बटरफ्लाई पर अनेक वैज्ञानिक शोध हो रहे हैं, विशेषकर इसके पंखों की पारदर्शिता पर। वैज्ञानिक यह समझना चाहते हैं कि कैसे इसके पंख बिना परावर्तन के प्रकाश को पार कर देते हैं। इस ज्ञान का उपयोग ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी, कैमरा लेंस और सोलर पैनल्स जैसी तकनीकों को बेहतर बनाने में किया जा सकता है। इस प्रकार, यह तितली न केवल सुंदरता का प्रतीक है बल्कि भविष्य की तकनीकी संभावनाओं का द्वार भी खोलती है।