चट्टानों की गोद में बसा 500 वर्ष पुराना गांव – ‘हैद अल-जजील’

Jitendra Kumar Sinha
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दुनिया के अनेक हिस्सों में कुछ ऐसे स्थान हैं जो मानवीय धैर्य, विवेक और रचनात्मकता की जीती-जागती मिसाल बन गये हैं। यमन का "हैद अल-जजील" गांव एक ऐसा ही अद्वितीय उदाहरण है। यह गांव एक विशाल और ऊंची चट्टान पर स्थित है और करीब 500 वर्षों से अधिक पुराना है। इसके स्थापत्य, भौगोलिक स्थिति और पारंपरिक जीवनशैली को देखकर कोई भी अचंभित हुए बिना नहीं रह सकता है।

"हैद अल-जजील" का सबसे खास पहलू इसकी भौगोलिक स्थिति है। यह गांव ऊंची और कठिन चट्टानों की चोटी पर बसा हुआ है, जहाँ तक पहुँचना आज भी आसान नहीं है। चारों ओर फैले सूखे रेगिस्तानी इलाके और गहरी घाटियाँ इसे बाहरी दुनिया से लगभग काट कर रखती हैं। लेकिन यही दुर्गमता इस गांव की खूबसूरती और रहस्य को और बढ़ा देती है। गांव की बनावट कुछ इस प्रकार है कि यह दुर्ग के समान प्रतीत होता है। चट्टान पर टिके घर एक-दूसरे से सटे हुए हैं और उनके पीछे की गहराई किसी खाई से कम नहीं लगती। यहां पहुंचना साहस और धैर्य की परीक्षा है, लेकिन जो एक बार पहुंच जाए, वह इसके दृश्य और वातावरण में खो जाता है।

"हैद अल-जजील"  की सबसे बड़ी विशेषता इसकी पारंपरिक स्थापत्य कला है। गांव के सारे घर मिट्टी और पत्थर से बनाए गए हैं, जो न केवल सौंदर्य में अद्वितीय हैं, बल्कि जलवायु के अनुसार भी पूर्णतः अनुकूल हैं। गर्मियों में ये घर ठंडे रहते हैं, जबकि सर्दियों में गर्मी बनाए रखते हैं। इस तकनीक का उपयोग सदियों पहले से किया जा रहा है।

इतनी दुर्गम स्थिति में रहना आसान नहीं है, फिर भी "हैद अल-जजील"  के निवासी सदियों से यहां निवास कर रहे हैं। पानी की कमी, तेज हवाएँ, गर्मी और कठिन रास्ते, यह सब उनकी दिनचर्या का हिस्सा हैं। परंतु इस समुदाय ने अपने संघर्ष को जीवनशैली में बदल दिया है। गांव के लोग आज भी कृषि और पशुपालन जैसे पारंपरिक कार्यों में लगे हुए हैं। वर्षा जल को एकत्रित कर पीने योग्य बनाया जाता है, और आवश्यक वस्तुएँ बाहर से लाना पड़ता है, जो अक्सर कठिन चढ़ाई और लंबी यात्रा से ही संभव हो पाता है।

हाल के वर्षों में कुछ साहसी और जिज्ञासु पर्यटकों ने इस गांव का रुख किया है। ड्रोन कैमरों और फोटोग्राफरों ने "हैद अल-जजील"  की अनूठी तस्वीरों को दुनिया भर में फैलाया है। इससे यह गांव धीरे-धीरे वैश्विक मानचित्र पर अपनी जगह बना रहा है। हालांकि, पर्यटकों के लिए यहां आना आज भी एक चुनौतीपूर्ण यात्रा है।

हैद अल-जजील सिर्फ एक गांव नहीं है, बल्कि मानव संकल्प, सामूहिक जीवन और प्रकृति के साथ सामंजस्य की प्रेरणादायक कहानी है। यह दर्शाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी मनुष्य न केवल जीवित रह सकता है, बल्कि एक सुंदर, टिकाऊ और सुसंस्कृत जीवन भी बसा सकता है।



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