स्पॉटेड लेक - प्रकृति, विज्ञान और संस्कृति का मेल है

Jitendra Kumar Sinha
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कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में स्थित एक रहस्यमयी और मनमोहक झील है “स्पॉटेड लेक”, जिसे स्थानीय ओकानागन जनजाति 'खीलुक'  नाम से भी जानती है। यह झील दुनिया भर के पर्यटकों, वैज्ञानिकों और आध्यात्मिक साधकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। गर्मियों के मौसम में यह झील किसी चित्रकार की कैनवस की तरह रंग-बिरंगे धब्बों में बदल जाती है, मानो धरती ने खुद को सजा लिया हो।

 “स्पॉटेड लेक” की सबसे बड़ी विशेषता इसके रंग-बिरंगे धब्बे हैं जो गर्मियों में पानी के वाष्पीकरण के बाद उभरकर सामने आता हैं। इस झील में मौजूद खनिज तत्व, मैग्नीशियम सल्फेट, कैल्शियम और सोडियम सल्फेट, सूर्य की गर्मी से सूखते हैं और सफेद, पीले, हरे, नीले रंग के धब्बे बनाते हैं। मैग्नीशियम की अधिकता के कारण झील सबसे अधिक नीले धब्बों में सजी होती है, वहीं कैल्शियम सफेदपन और सल्फेट पीले रंग का निर्माण करता हैं।

 “स्पॉटेड लेक” केवल एक प्राकृतिक चमत्कार नहीं है, बल्कि ओकानागन जनजाति के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल भी है। पीढ़ियों से जनजाति इस झील के खनिजों का उपयोग चिकित्सीय और आध्यात्मिक उपचार में करता आ रहा है। मान्यता है कि झील के जल और खनिजों में शारीरिक एवं मानसिक रोगों को ठीक करने की शक्ति है। 

 “स्पॉटेड लेक” झील पवित्र स्थल है, लेकिन पर्यटकों को यहां एक विशेष व्यूइंग प्लेटफॉर्म से इसकी भव्यता निहारने की अनुमति है। प्रत्येक वर्ष हजारों लोग गर्मियों में झील के रंगीन रूप को देखने आते हैं। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए किसी को भी झील में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है ताकि इसकी प्राकृतिक संरचना और सांस्कृतिक महत्ता बनी रहे।

 “स्पॉटेड लेक” सिर्फ एक झील ही नहीं है, बल्कि प्रकृति, विज्ञान और संस्कृति का अद्वितीय संगम है। जहां वैज्ञानिक इसकी रासायनिक विशेषताओं को सराहते हैं, वहीं स्थानीय जनजातियां इसे आस्था का प्रतीक मानता हैं। इस झील की कहानी हमें यह बताती है कि कैसे प्रकृति अपने अनोखे रूपों से हमें चौंकाती और प्रेरित करती है।

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