पफिन बर्ड एक अत्यंत आकर्षक और मनमोहक समुद्री पक्षी है, जो अपनी रंग-बिरंगी चोंच और गोल-मटोल शरीर की वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह पक्षी मुख्य रूप से उत्तरी अटलांटिक महासागर और आर्कटिक क्षेत्र के ठंडे द्वीपों और तटीय क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी उपस्थिति किसी एनिमेटेड पात्र जैसी लगती है, और इसलिए यह बच्चों से लेकर पक्षी प्रेमियों तक सभी के बीच बेहद लोकप्रिय है।
पफिन बर्ड की तीन प्रमुख प्रजातियाँ होती हैं। अटलांटिक पफिन जो सबसे प्रसिद्ध और अधिक संख्या में पाई जाने वाली प्रजाति है। हॉर्नड पफिन के आंखों के ऊपर सींग जैसे उभरे हुए भाग होते हैं और टफ्टेड पफिन के सिर पर पीले रंग की लटें होती हैं जो इसे खास रूप दिखती हैं। इन सभी प्रजातियों में अटलांटिक पफिन बर्ड सबसे ज्यादा देखे जाते हैं और इसकी पहचान चमकीली चोंच और सफेद चेहरे से होती है।
पफिन बर्ड की सबसे बड़ी खासियत उसकी रंगीन चोंच है। गर्मियों के मौसम में इनकी चोंच चमकीले नारंगी, पीले और नीले रंगों का होता है, जो प्रजनन काल में आकर्षण का केंद्र बना रहता है। सर्दियों में इनकी चोंच का रंग फीका पड़ जाता है और यह अपेक्षाकृत साधारण दिखती है। इसका शरीर लगभग 25 से 30 सेमी लंबा और वजन करीब 500 ग्राम तक होता है।
पफिन बर्ड न केवल हवा में उड़ान भरने में सक्षम होता हैं, बल्कि पानी के अंदर भी पंखों की मदद से "उड़ता" हैं। यह उनकी सबसे अनोखी क्षमता है। वह समुद्र में गहराई तक गोता लगाकर छोटी मछलियों, जैसे सैंड ईल, हेरिंग और कैपलिन को पकड़ती हैं। इसका चोंच विशेष रूप से इस तरह बना होता है कि वह एक साथ कई मछलियाँ पकड़कर ला सकता हैं।
पफिन बर्ड आमतौर पर समुद्री चट्टानों या घासदार किनारों में सुरंग जैसी खोदकर अपना घोंसला बनाता हैं। हर वर्ष यह जोड़ा केवल एक अंडा देता है। नर और मादा दोनों मिलकर अंडे को सेवते हैं और बच्चे के निकलने के बाद उसे भोजन कराता हैं। पफिन बर्ड का यह पारिवारिक सहयोग उसे और भी विशिष्ट बनाता है।
पफिन बर्ड की कुछ आबादियाँ अब भी स्थिर हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन, समुद्री प्रदूषण और मछलियों की अत्यधिक पकड़ के कारण इनकी संख्या में गिरावट देखा जा रहा है। संरक्षण प्रयासों की सख्त जरूरत है। पफिन बर्ड न केवल देखने में प्यारा लगता हैं, बल्कि इसके जीवनशैली और व्यवहार में भी कई अद्भुत बातें छिपी हुई हैं।
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