कोरोना की वापसी - 9 राज्यों में फैला - 363 सक्रिय केस आया सामने

Jitendra Kumar Sinha
0


 

देश में एक बार फिर कोरोना वायरस ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। जहां एक ओर लोग सामान्य जीवन की ओर लौट रहे थे, वहीं दूसरी ओर यह अदृश्य वायरस एक बार फिर चिंताओं का कारण बन रहा है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में 363 सक्रिय केस सामने आ चुका हैं और यह संक्रमण 9 राज्यों में फैल चुका है। बेंगलुरु में एक मरीज की मौत भी हो चुकी है, जिससे हालात की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

अब तक जिन राज्यों में कोरोना के मामले सामने आए हैं, उनमें संक्रमित मरीजों की अनुमानित संख्या  केरल में 80+, तमिलनाडु में 60+, कर्नाटक में 55+, महाराष्ट्र में 50+, उत्तर प्रदेश में 25+, उत्तराखंड में 15+, और हरियाणा में 15+ हैं। बेंगलुरु में एक मरीज की मौत की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है। हालांकि यह मौत किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त मरीज की थी, जिसमें कोरोना संक्रमण भी पाया गया।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि स्थिति अभी नियंत्रण में है और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि सावधानी न बरतने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। कुछ जरूरी निर्देश दिए गए हैं जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग फिर से शुरू करना, भीड़भाड़ से बचना और सामाजिक दूरी बनाए रखना, खांसी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नही करना और RT-PCR टेस्ट में देरी न करना शामिल हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह कोरोना का कोई नया सब-वेरिएंट हो सकता है, जो पहले के मुकाबले कम घातक है, लेकिन तेजी से फैलता है। वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है ताकि इसकी उत्पत्ति और स्वरूप का विश्लेषण किया जा सके। अभी तक JN.1 या XBB.1.5 जैसे वेरिएंट का नाम लिया जा रहा है जो पिछले साल भी सामने आया था। 

संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों में अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है, जिसमें केरल और कर्नाटक में अलग आइसोलेशन वार्ड फिर से तैयार किया जा रहा हैं। तमिलनाडु सरकार ने जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को संक्रमण रोकथाम के निर्देश दिया हैं। महाराष्ट्र में डॉक्टरों को टेलीमेडिसिन सेवाओं के लिए तैयार किया जा रहा है।

सरकार और डॉक्टरों का कहना है कि अगर आम जनता थोड़ी सी सावधानी बरते, तो इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। भारत ने पहले कोरोना की तीन लहरों का सामना किया है। 2020-21 में लॉकडाउन, 2021 में डेल्टा वेरिएंट का संकट और 2022 में ओमिक्रॉन की लहर ने काफी नुकसान पहुँचाया था। अब जबकि कोरोना फिर दस्तक दे रहा है, तो हमें पहले के अनुभवों से सीख लेनी चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देशित किया है कि वे कोरोना टेस्टिंग को फिर से तेज करें, अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयों की व्यवस्था करें हेल्पलाइन नंबर फिर से सक्रिय करें। स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक संस्थानों में सतर्कता अभियान चलाएं।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top