राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश सूर्यकांत को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) का कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत किया है।
सूत्रों के अनुसार, नालसा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत पूरे भारत में सभी नागरिकों, विशेषकर समाज के हाशिए पर पड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों को सुलभ एवं मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के नालसा के मिशन का नेतृत्व करेंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह मनोनयन राष्ट्रपति द्वारा किया गया और विधि एवं न्याय मंत्रालय ने नौ मई को इसकी अधिसूचना प्रकाशित की। इसमें कहा गया है कि मनोनयन 14 मई से प्रभावी होगा।
विज्ञप्ति के अनुसार, न्यायमूर्ति बीआर गवई नालसा के पिछले कार्यकारी अध्यक्ष थे। परंपरा के अनुसार, इस पद पर उच्चतम न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश आसीन होते हैं।
न्यायमूर्ति बीआर गवई 14 मई को 52वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत फिलहाल उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष हैं।
नालसा ने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में मनोनीत होने से पहले न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने न्याय तक पहुंच को और आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वह न्याय प्रणाली में कानूनी सहायता एवं संस्थागत सुधारों के प्रबल समर्थक रहे हैं।
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