सोवियत युग का अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर गिरा

Jitendra Kumar Sinha
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शुक्र ग्रह पर अपने असफल प्रक्षेपण के आधी सदी से भी अधिक समय बाद सोवियत युग का एक अंतरिक्ष यान शनिवार को पृथ्वी पर गिर गया। यूरोपीय संघ की अंतरिक्ष निगरानी एजेंसी ने इसके अनियंत्रित रूप से वायुमंडल में प्रवेश करने की पुष्टि की। 

एजेंसी के अंतरिक्ष मलबे से सबंधित कार्यालय ने भी संकेत दिया कि जर्मन राडार स्टेशन पर दिखाई न देने के बाद अंतरिक्ष यान धरती के वायुमंडल में पुनः प्रवेश कर गया है। यह तुरंत पता नहीं चल पाया कि अंतरिक्ष यान ने वायुमंडल में कहां से प्रवेश किया। 

सूत्रों के अनुसार, वैज्ञानिकों ने कहा है कि अंतरिक्ष यान के मलबे से किसी के भी प्रभावित होने की संभावना बहुत कम है। वर्ष 1972 में सोवियत संघ द्वारा प्रक्षेपित किया गया, कोस्मोस 482 नामक अंतरिक्ष यान शुक्र ग्रह के लिए भेजे गए मिशन की श्रृंखला का हिस्सा था। लेकिन यह कभी पृथ्वी की कक्षा से बाहर नहीं निकल पाया और रॉकेट की खराबी के कारण वहीं फंस गया। 

असफल प्रक्षेपण के एक दशक के भीतर ही ज्यादातर अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर गिर गया, लेकिन कोस्मोस 482 को इसमें 53 साल लग गया। विशेषज्ञों के अनुसार, लैंडर टाइटेनियम से बना था और इसका वजन 495 किलोग्राम से अधिक था। अंतरिक्ष यान के नीचे की ओर आने के बाद वैज्ञानिक, सैन्य विशेषज्ञ और अन्य लोग पहले से यह नहीं बता पाया कि अंतरिक्ष यान कब और कहां नीचे आएगा। 

सौर गतिविधि के कारण अनिश्चितता बढ़ गई, साथ ही अंतरिक्ष में इतने लंबे समय तक रहने के कारण अंतरिक्ष यान की स्थिति भी खराब हो गई। शनिवार सुबह तक, अमेरिकी अंतरिक्ष कमान ने अंतरिक्ष यान की वापसी की पुष्टि नहीं की थी, क्योंकि यह कक्षा से डेटा एकत्र और विश्लेषण कर रही थी।

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