भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए देश में पहली बार जिनोम संवर्धित चावल की दो नई किस्में पेश की हैं। इसके अतिरिक्त इन नई किस्मों के माध्यम से पैदावार 30 फीसदी तक बढ़ने और मौजूदा किस्मों के तुलना में फसलों के पकने में 15 से 20 दिन कम समय लगने का दावा किया जा रहा है।
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित इन दोनों किस्मों का अनावरण किया गया है। उन्होंने कहा है कि चावल की नई किस्में कम पानी का उपयोग करेगी।
जिनोम संवर्धित चावल की किस्मों को, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पुद्दुचेरी, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों के लिए अनुशंसित किया गया है।
केन्द्र सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में कृषि फसलों में जिनोम संवर्धित के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया था। आनुवांशिक संवर्धन के मुकाबले जिनोम संवर्धित नया क्षेत्र हैं। आईसीएआर के महानिदेशक ने कहा है कि धान के अलावा करीब 24 अन्य खाद्य फसलें और 15 बागवानी फसलें हैं, जो जिनोम संवर्धित के विभिन्न चरणों में हैं और धीरे-धीरे उनका अनावरण किया जाएगा।
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